यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 12-04-2021
हिमाचली धाम का खाना परोसने के लिए इस्तेमाल लाई जाने वाली टौर की हरी पत्तल अब पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगी। ये पत्तलें अब बड़े होटलों में प्लेट की जगह लेंगी। इसकी शुरुआत दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के होटलों से होगी।
होटलों में ग्राहकों को भोजन अब प्लेट के स्थान पर इन पत्तलों पर परोसा जाएगा। पत्तलें तैयार करने वाली स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए यह रोजगार का साधन होगा।
वन विभाग जायका प्रोजेक्ट के तहत मशीनों से पत्तलें तैयार करवाएगा। पहले चरण में मंडी के बणीधार और गमोहू क्षेत्र चयनित किए गए हैं। महिलाएं पहले चरण में दो मशीनों से एक माह में तकरीबन 10-10 हजार पत्तलें तैयार करेंगी।
ऑर्डर मिलने पर पत्तलों के साथ कटोरी की शक्ल के डोने भी बनाए जाएंगे। इससे महिलाओं की आर्थिकी सुदृढ़ होगी और कार्य में बढ़ोतरी होने पर यह अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए भी रोजगार मिलेगा।
अभी तक महिलाएं अपने स्तर पर सुंदरनगर उपमंडल की ध्वाल पंचायत में करीब 500 हेक्टेयर में फैले टौर के जंगल से पत्ते लाती हैं, जबकि मंडी में पंडोह के ऊपरी क्षेत्र के करीब 300 हेक्टेयर के जंगल से भी पत्ते लाए जाते हैं। कार्य बढ़ने पर पत्ते एकत्रित कर लाने का काम गांव की महिलाओं को सौंपा जाएगा।
विभाग महिलाओं को मशीन से पत्तलों को उनके आकार में ढालने के लिए प्रशिक्षित करेगा। वन विभाग जायका प्रोजेक्ट के तहत पत्तलें बनाने के लिए कांगू वन परिक्षेत्र के गमोहू और मंडी के बणीधार में पत्तल बनाने वाली मशीनें स्थापित करेगा।
इन दोनों स्थानों पर 20-20 की संख्या के स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं यह कार्य करेंगी। पत्तलें पहले हाथ से तैयार होंगी, इसके बाद उन्हें मशीन में आकार दिया जाएगा।
डीएफओ, सुकेत वन मंडल सुंदरनगर सुभाष पराशर ने बताया कि वन विभाग इन पत्तलों को दिल्ली और हिमाचल के बड़े होटलों में बेचने के लिए विभिन्न एजेंसियों से बात कर रहा है। बात पूरी होने पर संबंधित होटल पत्तल की पूरी जांच करने के बाद ही ऑर्डर जारी करेगा।