अढ़ाई लाख छात्र-छात्राओं को नहीं मिलेंगे लेपटॉप और टैबलेट, अब खातों में डाले जाएंगे पैसे

प्रदेश के समस्त राजकीय महाविद्यालयों और उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं व 12वीं के दो लाख 59 हजार छात्र-छात्राओं को अब टैबलेट नहीं, बल्कि टैबलेट के पैसे दिए जाएंगे।

अढ़ाई लाख छात्र-छात्राओं को नहीं मिलेंगे लेपटॉप और टैबलेट, अब खातों में डाले जाएंगे पैसे
यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून  18-12-2021
 
प्रदेश के समस्त राजकीय महाविद्यालयों और उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं व 12वीं के दो लाख 59 हजार छात्र-छात्राओं को अब टैबलेट नहीं, बल्कि टैबलेट के पैसे दिए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार संबंधित छात्र-छात्राओं के खातों में डीबीटी के माध्यम से 12 हजार रुपये भेजे जाएंगे।
 
बताया जा रहा है कि टैबलेट खरीद की प्रक्रिया पर सवाल उठने के बाद सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है, जल्द ही इसका एलान हो सकता है। प्रदेश सरकार की ओर से विश्वविद्यालयों , महाविद्यालयों एवं उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं व 12वीं के छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने की घोषणा की गई थी।
 
इसकी खरीद के लिए सरकार की ओर से शासन और निदेशालय स्तर पर कुछ अधिकारियों की कमेटी गठित की गई थी। निर्णय लिया गया था कि यह कमेटी माध्यमिक और उच्च शिक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए टैबलेट खरीदेगी। शासन और निदेशालय स्तर के अधिकारियों की इस कमेटी की ओर से टेंडर निकाले गए थे।
 
कुछ फर्मों ने टेंडर भरा, लेकिन 300 करोड़ से भी ज्यादा की कीमत से टैबलेट खरीद में शुरू से ही बड़े घपले की आशंका जताई जा रही थी। चुनावी वर्ष होने और मामले के हाल ही में विधानसभा में उठने के बाद सरकार अब छात्र-छात्राओं को टैबलेट खरीदकर देने के बजाए इसकी धनराशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में देने की तैयारी कर रही है।
 
सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में जल्द मुख्यमंत्री इसका एलान कर सकते हैं। टैबलेट खरीद के लिए जो समिति गठित की गई थी, उसमें सचिव माध्यमिक शिक्षा बीवीआरसी पुरुषोत्तम, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ.पीके पाठक आदि अधिकारियों को शामिल किया गया था।
 
 विधानसभा में कांग्रेस विधानमंडल दल के उप नेता करन माहरा ने टैबलेट खरीद में गोलमोल की आशंका जताई थी। उन्होंने कहा था कि जिस कंपनी और मॉडल का टैबलेट खरीदा जा रहा है, वे ऑनलाइन नौ हजार रुपये तक उपलब्ध है। कुछ अन्य खर्च जोड़कर यह हद से हद 12 हजार रुपये तक मिल जाएगा, लेकिन खरीद के नाम पर सरकार प्रति टैबलेट 16 हजार रुपये खर्च कर रही है।
 
कहा था कि इस पूरे प्रकरण में एक मध्यस्थ की भूमिका है, जो बड़े लोगों का करीबी है। शिक्षा सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि छात्र-छात्राओं को टैबलेट की बजाए उनके खातों में इसकी धनराशि दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। उन्हें टैबलेट की धनराशि दी जाए या टैबलेट दिए जाएं, इस पर मुख्यमंत्री जल्द निर्णय ले सकते हैं।