आईएमए की पासिंग आउट परेड में 425 लेफ्टिनेंट बने देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग 

आईएमए की पासिंग आउट परेड में 425 लेफ्टिनेंट बने देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग 
इनमें 341 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिले , हिमाचल के 16 युवा शामिल 
 
यंगवार्ता न्यूज़ - देहरादून  12-06-2021

भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार करने के बाद 341 युवा अफसरों की टोली देश पर मर-मिटने की शपथ लेकर आज भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बन गई। ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड शुरू हुई।
 
सेना के दक्षिण-पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ले. जनरल आरपी सिंह ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर परेड का निरीक्षण कर पास जेंटलमैन कैडेट्स से सलामी ली। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार भी परेड सादगी से आयोजित हुई। बारिश की वजह से आज शनिवार को पासिंग आउट परेड दो घंटे की देरी से शुरू हुई। डिप्टी कमांडेंट जगजीत सिंह ने परेड की सलामी ली।
 
कमांडेंट हरिंदर सिंह ने परेड की सलामी ली। जिसके बाद ले. जनरल आरपी सिंह परेड स्थल पहुंचे और परेड की सलामी ली। ले. जनरल सिंह ने कैडेटों को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। मुकेश कुमार को स्वार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। जबकि दीपक सिंह को स्वर्ण, मुकेश कुमार को रजत व लवनीत सिंह को कांस्य पदक मिला। दक्ष कुमार पंत ने सिल्वर मेडल ( टीजी ) हासिल किया। किन्ले नोरबू सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुने गए।
 
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर डोगरा कंपनी को मिला। पिछली बार की तरह इस बार भी कैडेट्स के परिजन पासिंग आउट परेड नहीं देख पाए। परेड के उपरांत आयोजित पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद 425 जेंटलमैन कैडेट्स बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए। इनमें 341 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिले।
 
जबकि, 84 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, श्रीलंका, वियतनाम, टोंगा, मालदीव और किर्गिस्तान की सेना का अभिन्न अंग बने। इसके बाद देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 62 हजार 987 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया है। इनमें मित्र देशों को मिले 2587 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। कोरोना संकट के चलते पासिंग आउट परेड में तमाम स्तर पर एहतियात बरती गई। न केवल दर्शक दीर्घा बल्कि परेड के दौरान भी शारीरिक दूरी के नियमों का पूरा पालन किया गया।
हर मार्चिंग दस्ते में अमूमन दस कैडेट एक लाइन में होते हैं, पर इनकी संख्या आठ रखी गई। ताकि कैडेटों के बीच रहने वाली 0.5 मीटर की दूरी के बजाए दो मीटर की दूरी बनी रहे। इसके अलावा जेंटलमैन कैडेटों के साथ ही सभी सैन्य अधिकारी भी मास्क पहने रहे। पीओपी के मद्देनजर अकादमी के आसपास सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। चप्पे-चप्पे पर सेना के सशत्र जवान तैनात हैं। वीरभूमि उत्तराखंड के 37 तो देव भूमि हिमाचल के 16  युवा सैन्य अधिकारी बने है। इस बार भी वीरभूमि के 37 युवा भारतीय सेना में अफसर बने हैं। इस बार पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के 66 , हरियाणा के 38 और हिमाचल के 16 कैडेट्स पास आउट हो रहे हैं।

राज्यवार कैडेटों की संख्या
राज्य  -  कैडेट
उत्तर प्रदेश  -  66
हरियाणा  -  38
उत्तराखंड -   37
पंजाब -   32
बिहार    29
जम्मू कश्मीर   - 18
दिल्ली  -  18
महाराष्ट्  -  16
हिमाचल प्रदेश  -  16
राजस्थान  -  16
मध्य प्रदेश -   14
पश्चिम बंगाल   - 10
केरल  -  07
कर्नाटक -   07
झारखंड  -  05
मणिपुर   - 05
तेलंगाना   - 02
गुजरात   - 01
गोवा  -  01
उड़ीसा -   01
तमिलनाडु  -  01
आंध्र प्रदेश  -  01
लद्दाख   - 01
चंडीगढ़   - 01
असम  -  01
मिजोरम -   01