आउटसोर्स कर्मचारियों का नहीं होने देंगे शोषण, सरकार तैयार करेगी मॉडल टेंडर दस्तावेज : डा. सैजल 

आउटसोर्स कर्मचारियों का नहीं होने देंगे शोषण, सरकार तैयार करेगी मॉडल टेंडर दस्तावेज : डा. सैजल 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 18-03-2021

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को आउटसोर्स कर्मचारियों के कंपनियों की ओर से किए जा रहे शोषण का मामला गूंजा। स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण रोकने के लिए मॉडल टेंडर दस्तावेज बनाया जाएगा

इसी दस्तावेज से समस्याओं का निराकरण होगा। उन्होंने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर ने भी अपने बजट भाषण में इसकी घोषणा की है। जब इस दस्तावेज के अनुसार नियुक्तियां होंगी तो इस तरह की शिकायतों पर विराम लग जाएगा।

 स्वास्थ्य मंत्री ने सदन में माना कि कई कंपनियां इन कर्मचारियों का शोषण कर रही हैं। चंबा के विधायक पवन नैयर ने चंबा मेडिकल कॉलेज में तीन महीने बाद आउटसोर्स कर्मचारियों को वेतन देने का मामला उठाया तो मंत्री बोले कि अगर इस तरह का शोषण होगा तो इसकी जांच होगी।

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार को प्रश्नकाल में सदन में नाचन के भाजपा विधायक विनोद कुमार की अनुपस्थिति में सरकाघाट के भाजपा विधायक कर्नल इंद्र सिंह की ओर उठाए गए मूल प्रश्न पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री समेत अन्य विधायकों ने भी प्रतिपूरक प्रश्न किए। 

इसके जवाब में मंत्री राजीव सैजल बोले कि इन नियुक्तियों में एससी, एसटी रोस्टर लागू करने का कोई प्रावधान नहीं है। इस तरह की नियुक्तियां वित्त विभाग की मंजूरी के बाद ही की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स आधार पर पॉलिसी आई है। सरकार की अनुबंध नीतियां बनती रहती हैं। यह बात भी सही है कि कंपनियां इन कर्मचारियों का शोषण भी करती हैं।

 जब से वह खुद विधायक हैं, तभी से यह मामला सुनते आए हैं। कर्मचारियों को उतना पैसा नहीं मिल पाता है, जितना दिया जाना चाहिए। यह नीति पिछली सरकारों ने प्रदेश में संसाधनों की कमी को देखते हुए बनाई है। कोविड- 19 के दौर में भी जल्दबाजी में नियुक्तियां करनी पड़ी हैं।

सरकाघाट के विधायक कर्नल इंद्र सिंह ने पूछा कि आउटसोर्स कर्मचारियों को कितना वेतन दिया जाता है। सरकार की ओर से कंपनियों को कितना वेतन दिया जाता है। स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने कहा कि आउटसोर्स के माध्यम से कर्मचारी एक ही नीति के तहत रखे जाते हैं।

 कंपनी टेंडर दस्तावेज के अनुसार सर्विस चार्ज लेती है। ईपीएफओ की भी इसी हिसाब से कटौती की जाती है। मुकेश अग्निहोत्री ने पूछा कि क्या रोस्टर लागू होता है। उन्होंने यह भी मामला उठाया कि हिमाचल की कंपनियों को ही आउटसोर्स आधार पर काम दिया जाना चाहिए। माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ नाइंसाफी होने का मामला उठाया।