आज का पाशविक प्रवृत्ति का इंसान : लेखिका: ज्योति मेहरा........
हे इंसान, तू इंसान है इंसान की कदर कर। कितना गिरेगा और, अब तो थोड़ा सुधार कर।। तू कितने रिश्तो को तोड़ेगा
न्यूज़ एजेंसी - राजस्थान 27-11-2022
हे इंसान, तू इंसान है इंसान की कदर कर।
कितना गिरेगा और, अब तो थोड़ा सुधार कर।।
तू कितने रिश्तो को तोड़ेगा……
कितने लोगों के विश्वास को, अपनेस्वार्थ रूपी पैर तले रौंदेगा…..
हे इंसान,….
धिक्कार है तेरा जीवन…..जो तू ऐसे जीता है..
दो मुखोटे पहनकर,मानवता का पाठ पढ़ाता है…
हे इंसान, तू इंसान है इंसान की कदर कर
कितना गिरेगा और, अब तो थोड़ा सुधार कर …..
तू इंसान है..फिर परमेश्वर क्यों बनता है…
हर रिश्ते को निभाता है,,, फिर पीछे से गंदा बोलता है….
हे इंसान, तू इंसान है इंसान की कदर कर
कितना गिरेगा और, अब तो थोड़ा सुधार कर …..
हे इंसान,तू इतना गिर गया….
जिससे प्रेम करता है और उसके ही शरीर के 35 टुकड़े करता है…….
क्या होगी, उस नश्वर शरीर की पीड़ा क्या तूने इस कों बात समझा है…….
उसके शरीर को निर्ममता से काटा- पीटा,…….
मरने के बाद भी उसकी आत्मा काहजारों बार, कत्ल किया
क्या तब तेरी आत्मा ने तुझको नहीं धिक्कारा….
हे इंसान, तू इंसान है इंसान की कदर कर….
कितना गिरेगा और, अब तो थोड़ा सुधार कर……
हे इंसानतेरे अपराधों का….ब्योरा कहां लिखा जाएगा।…
कानूनन भी तुझे मारा जाएगा,,सूली पर भी लटकाया जाएगा….
पर क्या इससे…ऐसा निर्मम अपराध खत्म हो जाएगा….
आज एक आफताब मरेगा……दूसरा आफताब पैदा हो जाएगा...
हे इंसान, तू इंसान है इंसान की कदर कर
कितना गिरेगा और, अब तो थोड़ा सुधार कर…..