आजादी के सात दशक बाद भी ओडरी ग्रामीण पालकी पर उठाकर हॉस्पिटल पहुंचाते है मरीज

आजादी के सात दशक बाद भी ओडरी ग्रामीण पालकी पर उठाकर हॉस्पिटल पहुंचाते है मरीज

यंगवार्ता न्यूज़ - काँगड़ा  16-11-2020

विधानसभा क्षेत्र जवाली के अधीन पंचायत राजोल के गांव ओडरी के लोग  आज भी गुलामी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। गांवववासियों महेंद्र सिंह, रघुवीर सिंह, सरवन कुमार, राजेंद्र, केवल, अनिल कुमार, पंकज, बबलू, कमलेश कुमारी, जोगिंद्र कुमार ने कहा कि उनके गांव में गद्दी समुदाय के करीबन 14-15 परिवार बसते हैं। उनके गांव को जाने के लिए कोई भी रास्ता नहीं है।

उन्होंने कहा कि उनके बच्चे तो झाड़ियों को पकड़कर स्कूल पहुंचते हैं तथा बुजुर्गों का तो बाजारों में पहुंचना सपना बनकर रह गया है। जब भी गांव में कोई भी बीमार हो जाता है तो मरीज को पालकी में डालकर या कंधे पर उठाकर करीबन डेढ़ किलोमीटर का सफर तय करके राजोल तक मुख्य मार्ग में पहुंचाना पड़ता है, उसके बाद एंबुलेंस की सुविधा नसीब होती है।

उन्होंने कहा कि बच्चों को अनुही या राजोल स्कूल में पढ़ने के लिए डाला जाता है लेकिन बरसात में खड्ड आने से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं।कई सालों से यहां रास्ता निर्माण की मांग उठाई जाती रही है, लेकिन अश्वासनों के अलावा आज दिन तक कुछ हासिल नहीं हुआ।

चुनाव नजदीक आते हैं तो राजनेता उनके घरों तक वोट मांगने आ जाते हैं। उस समय राजनेताओं द्वारा आश्वासन दिए जाते हैं कि अगर जीत हासिल हुई तो प्राथमिकता से उनके घरों को पक्का रास्ता बनवाया जाएगा, लेकिन जीत मिलने के बाद उनके घरों की याद तक नहीं आती है।

 गांववासियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व विधायक अर्जुन सिंह से मांग उठाई है कि पंचायती चुनावों से पहले उनके घरों को पक्का रास्ता बनवाया जाए और अगर रास्ता नहीं बनवाया गया तो पंचायती चुनाव सहित विधानसभा चुनाव का वहिष्कार किया जाएगा।

वहीं लोक निर्माण विभाग कोटला के एसडीओ राजेश कुमार ने कहा कि ओडरी गांव के रास्ता निर्माण के लिए विभाग के पास पांच लाख रुपये का बजट आया है, लेकिन रास्ता के बीच में वन विभाग की जमीन पड़ती है जिसके चलते कार्य शुरू नहीं हो पाया है। एफसीए क्लीयरेंस मिलते ही रास्ता का निर्माण शुरू करवाया जाएगा।