आनंद शर्मा की अनदेखी को पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण , अपनी ही पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा

हिमाचल कांग्रेस में गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है।  इस मर्तबा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कॉल सिंह ठाकुर ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के समर्थन में उतर गए हैं

आनंद शर्मा की अनदेखी को पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण , अपनी ही पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा

 

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी  23-08-2022
 
हिमाचल कांग्रेस में गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है।  इस मर्तबा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कॉल सिंह ठाकुर ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा के समर्थन में उतर गए हैं। दिल्ली,चंडीगढ़ व शिमला में पिछले दिनों कांग्रेस प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल की उपस्थिति में आयोजित बैठकों में आनंद शर्मा को न बुलाने को कौल सिंह ठाकुर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मामले में संज्ञान लेने की मांग की है। कौल सिंह ठाकुर जी-23 का हिस्सा रहे हैं। उनके इस बात से कांग्रेस की राजनीति में गर्माहट आ गई है। 
 
 
आनंद शर्मा के समर्थन में पहली बार प्रदेश के किसी वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने खुलकर बयान दिया है। कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि राजीव शुक्ला ने दिल्ली व चंडीगढ़ में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं व पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की। दोनों बैठकों में आनंद शर्मा को बुलाना उचित नहीं समझा। आनंद शर्मा हिमाचल से संबंध रखते हैं। इसके बाद शिमला में पर्यवेक्षक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेंद्र बघेल, सचिन पायलट व पीएस बाजवा की उपस्थिति में कोर ग्रुप की बैठक हुई। 
 
 
उससे भी आनंद शर्मा को दूर रखा गया। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह व आनंद शर्मा के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा। प्रदेश का बच्चा - बच्चा इस बात से भली भांति अवगत है। चुनावों के समय वीरभद्र सिंह ने कभी आनंद शर्मा की अनदेखी नहीं की। पिछले साल हुए मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में आनंद शर्मा कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह के पक्ष में प्रचार करने कुल्लू व लाहौल-स्पीति आए थे। मनाली , केलंग , कुल्लू व पनारसा में जनसभा की थी। बैठकों में प्रतिभा सिंह , सुखविंदर सिंह सुक्खू व मुकेश अग्निहोत्री को ही तवज्जो दिए जाने से कौल सिंह ठाकुर भी अंदर खाते नाराज चल रहे हैं। 
 
 
वह आठ बार विधायक व दो बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष , चार बार मंत्री व एक बार विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं यानी प्रदेश कांग्रेस में सबसे वरिष्ठ नेता है। उनके आनंद शर्मा के खुलकर समर्थन में उतरने से गुटबाजी एक बार फिर मुखर होती दिख रही है। आनंद शर्मा ने अपनी अनदेखी से आहत होकर गत दिनों प्रदेश चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था।
 
 
राजीव शुक्ला व कौल सिंह ठाकुर के संबंध भी अच्छे नहीं है। आनंद के बहाने शुक्ल को घेरने का कौल सिंह को मौका मिल गया है। कौल समर्थक शुक्ला को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का नजदीकी बताते फिर रहे हैं। अंदर खाते शुक्ल को प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पद से हटाने की मुहिम चल रही है।