इंजीनियर पति के साथ स्वरोजगार लगाकर संजना शर्मा ने रची सफलता की कहानी
मंडी जिले की एक फिजिक्स परास्नातक संजना शर्मा ने अपने इंजीनियर पति के साथ स्वरोजगार लगाकर सफलता की शानदार कहानी रची है। उनकी यह सफलता तमाम लोगों के लिए प्रेरक प्रसंग
यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 02-07-2022
मंडी जिले की एक फिजिक्स परास्नातक संजना शर्मा ने अपने इंजीनियर पति के साथ स्वरोजगार लगाकर सफलता की शानदार कहानी रची है। उनकी यह सफलता तमाम लोगों के लिए प्रेरक प्रसंग बन गई है। जयराम सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में मिली मदद से अपना काम शुरू करने की उनकी ख्वाहिश पूरी हुई है।
मंडी के रत्ती, नेरचौक की संजना (उम्र 43 साल) अपने पति सिद्धार्थ (47 साल) के साथ लूणापानी में एक शानदार रेस्टोरेंट चला रही हैं, जहां आप उत्तर और दक्षिण भारतीय लजीज व्यंजनों के साथ चाइनीज खाने का भी लुत्फ ले सकते हैं।
ये दोनों बंगलुरु से निजी क्षेत्र की नौकरी छोड़ के स्वरोजगार के लिए घर लौटे हैं। कहा जा सकता है कि इस दंपत्ति ने अपना रेस्टोरेंट शुरू करके ‘स्वरोजगार का स्वाद’ चखा है। रेस्टोरेंट से अभी लागत निकाल के करीबन 80 हजार रुपये महीने की आमदनी हो रही है। उन्हें यकीन है कि जैसे जैसे काम बढ़ेगा आमदनी भी बढ़ेगी।
बकौल संजना ‘हमें अपनी मिट्टी की खुशबू खींच लाई, मन में था कि अपने यहां, अपने लोगों के लिए, कुछ अपना काम करेंगे। जय राम सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना ने हमारी ये ख्वाहिश पूरी कर दी।’
संजना शर्मा बात को आगे बढ़ाते हुए बताती हैं सरकार से मिली मदद से उनका हौंसला बढ़ा और इस तरह उनके रेस्टोरेंट ‘दी रॉयल कैस्केड्’ की शुरूआत हुई। इस बातचीत में उनके चेहरे पर उभरी कृतज्ञता भरी प्रसन्नता, बरसों बाद पक्के तौर पर अपने गांव लौटने से मिली गहरी खुशी और स्वरोजगार से उपजे संतोष के भाव साफ दिख रहे थे।
संजना बताती हैं कि वे बंगलुरु में एक प्रतिष्ठित स्कूल में शिक्षक और डाईटिशन थीं। पति पेशे से इंजीनियर हैं, वे निजी क्षेत्र में काम करते थे। बच्चे बंगलुरु में पढ़ने डाल रखे थे, लेकिन अपनी जमीन पर लौटने का ख्याल हमेशा भीतर कुलबुलाता रहता।
सब छोड़छाड़ के गांव में कोई रोजगार लगाने का विचार लगातार मन में घूमता था। लेकिन जमी जमाई नौकरी छोड़ के रिस्क लेने का हौंसला नहीं हो रहा था। फिर किसी दिन न्यूज पेपर में जय राम सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के बारे में पढ़ा।
संजना के पति सिद्धार्थ शर्मा बताते हैं कि उनके पास कुछ अपनी जमा पूंजी थी, बाकी उन्होंने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत 11.50 लाख रुपये के लोन का केस बनाया। जिस पर विभाग से साढ़े 3 लाख रुपये का अनुदान मिला। बैंक से आसानी से ऋण प्राप्त होने के बाद एक छोटी सी लागत से उन्होंने रेस्टोरेंट खोला। खुद के लिए तो स्वरोजगार लगाया ही इसमें 11 अन्य लोगों को रोजगार भी दिया, जिनमें 3 स्थानीय महिलाएं भी हैं।
संजना और सिद्धार्थ अब मिलकर खुशी खुशी रेस्टोरेंट चला रहे हैं। अपने दोनों बच्चों को भी उन्होंने मंडी व नेरचौक में स्थानीय स्कूलों डाला है। वे और बच्चे सभी गांवों की आबोहवा, शांत वातावरण और अपने लोगों, अपने समाज के बीच रह कर बहुत खुश हैं।
संजना शर्मा सरकार का आभार जताते हुए कहती हैं कि मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने युवा शक्ति के लिए बुहत अच्छी योजना आरंभ की है । यह योजना सुगमता से लोगों तक पहुंचाई जा रही है और उनकी वजह से वे अपना रेस्टोरेंट चला सके हैं।
उन्होंने पढ़े-लिखे युवाओं को संदेश देते हुए कहती हैं कि युवा नौकरी लेने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के एक निर्माता बनें। वहीं सिद्वार्थ शर्मा ने मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर जी का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह योजना बेरोजगार युवाओं को अपनी हसरतें, अपने सपने पूरा करने में बड़ी मददगार है।
जिला उद्योग केंद्र मंडी के प्रबंधक विनय कुमार बताते हैं कि हिमाचल सरकार ने साल 2018 में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना आरंभ की थी, इसमें लोगों को स्वरोजगार लगाने के लिए सरकार की ओर से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। योजना में एक करोड़ रुपये लागत तक की परियोजनाओं पर 18 से 50 साल की उम्र तक की महिलाओं को 35 प्रतिशत और 18 से 45 साल तक के पुरूषों को 25 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है।
इसे लेकर अधिक जानकारी के लिए जिला उद्योग केंद्र मंडी के दूरभाष नंबर 01905-222161 पर संपर्क किया जा सकता है। विनय कुमार बताते हैं कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में मंडी जिले में अब तक 667 लोग को स्वरोजगार लगाने को 23.78 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।
जिलाधीश मंडी अरिंदम चौधरी का कहना है कि मुख्यमंत्री ज राम ठाकुर के निर्देशों के अनुसार जिले में युवाओं को स्वरोजगार योजनाओं के लाभ देने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। उद्योग विभाग की मदद से मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में अधिक से अधिक लोगों को फायदा पहुंचाने के प्रयास किए गए हैं ताकि युवा स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनें और देश समाज की मजबूती में सहायक हों।