उद्यान विभाग मशोबरा में बांटेगा चार हजार फलदार पौधे : डाॅ नगरेटा
उद्यान विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा इस सर्दी के सीजन में मशोबरा और बसंतपुर ब्लाॅक में विभिन्न किस्मों के करीब चार हजार फलदार पौधे वितरित किए जा रहे हैं। जिसमें यूएसए से आयात किए गए सेब व नाशपाती के दो हजार पौधे शामिल है
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 12-01-2023
उद्यान विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा इस सर्दी के सीजन में मशोबरा और बसंतपुर ब्लाॅक में विभिन्न किस्मों के करीब चार हजार फलदार पौधे वितरित किए जा रहे हैं। जिसमें यूएसए से आयात किए गए सेब व नाशपाती के दो हजार पौधे शामिल है। यह पौधे हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के अंतर्गत वितरित किए जा रहे हैं।
जिसमें पहले आओ-पहले पाओं का फार्मूला अपनाया गया है। किसानों की मांग बढ़ने पर अतिरिक्त पौधे भी मंगवाए जाएंगे।
उद्यान विभाग मशोबरा के विषय विशेषज्ञ डाॅ0 दिलीप सिंह नगरेटा ने बताया कि यूएसए से आयात किए गए सेब के पौधों में क्रिमसन टोपाज, एंबरोसिया, सिम्मन गाला, प्रायमिर हन्नी क्रिस्प और हन्नी क्रिस्प किस्म शामिल है। जबकि नाशपाती की किस्म डी-एंजू है।
जिन्हें किसानों को उपदान पर 400 रूपये प्रति पौधा उपलब्ध करवाया जा रहा है। जबकि यूएसए से यह करीब आठ सौ रूपये प्रति पौधा विभाग द्वारा आयात किया गया है।
इसके अतिरिक्त विभागीय नर्सरी में तैयार किए गए रूट स्टाॅक पर ग्राफटेड एक साल के पौधे 150 रूपये प्रति पौधा तथा अन्य रूट स्टाॅक एक सौ रूपये प्रति पौधा की दर से किसानों को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
डाॅ नगरेटा ने बताया कि अमेरिका से आयात किए गए सेब के पौधे समुद्र तल से 4000 से 7500 फुट की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सर्वाधिक उपयोगी माने गए है।
यह पौधे तीसरे अथवा चैथे साल में फल को सैंपल देने लग जाते हैं । उन्होने बताया कि कम एवं मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहने वाले किसानों का रूझान भी अब सेब उत्पादन की ओर बढ़ रहा है।
दिसंबर और जनवरी माह सेब, नाश्पाती व आड़ू, खुमानी के पौधे रोपित करने के लिए सर्वोतम समय माना जाता है। बताया कि वर्तमान में मशोबरा ब्लाॅक में 29 सौ हैक्टेयर तथा बसंतपुर ब्लाॅक में केवल 19 सौ हैक्टेयर क्षेत्र बागवानी के अधीन है।