एक बार फिर सक्रिय हुआ कांग्रेस का विपक्ष जी - 23 समूह , गुपचुप बैठक कर पार्टी पर बनाया दबाव 

पंजाब में सत्ता गंवाने के बाद कांग्रेस के असंतुष्ट नेता फिर चर्चा में हैं। शुक्रवार को गुलाम नबी आजाद के घर हुई एक बैठक में मनीष तिवारी और कपिल सिब्बल शामिल हुए

एक बार फिर सक्रिय हुआ कांग्रेस का विपक्ष जी - 23 समूह , गुपचुप बैठक कर पार्टी पर बनाया दबाव 


न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली  12-03-2022


पंजाब में सत्ता गंवाने के बाद कांग्रेस के असंतुष्ट नेता फिर चर्चा में हैं। शुक्रवार को गुलाम नबी आजाद के घर हुई एक बैठक में मनीष तिवारी और कपिल सिब्बल शामिल हुए। ये तीनों नेता कांग्रेस के असंतुष्ट समूह जी -23 का हिस्सा हैं। कहा जा रहा है कि जी -23 समूह एक बार फिर कांग्रेस कार्यसमिति की आपात बैठक बुलाने और पार्टी अध्यक्ष का जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग कर सकता है। जी-23 समूह में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। 2020 में जब पहली बार इन नेताओं का समूह चर्चा में आया तब इसमें 23 नेता शामिल थे।

 

इसलिए इन्हें जी-23 कहा गया। समूह में शामिल रहे जितिन प्रसाद बाद में भाजपा में शामिल हो गए। वहीं, योगानंद शास्त्री ने भी शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया। कुछ नेताओं ने खुद को इस समूह से अलग कर लिया। गुलाम नबी आजाद , कपिल सिब्बल ,  शशि थरूर , मनीष तिवारी , आनंद शर्मा , पीजे कुरियन , रेणुका चौधरी , मिलिंद देवड़ा , मुकुल वासनिक, भूपेंद्र सिंह हुड्डा , राजिंदर कौर भट्टल ,  एम वीरप्पा मोइली , पृथ्वीराज चव्हाण , अजय सिंह , राज बब्बर ,अरविंदर सिंह लवली , कौल सिंह ठाकुर , अखिलेश प्रसाद सिंह , कुलदीप शर्मा , संदीप दीक्षित , विवेक तन्खा आदि शामिल हैं। 

 

अगस्त 2020 में ये समूह पहली बार चर्चा में आया। उस वक्त इस समूह ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग की थी। इस पत्र में 23 नेताओं के हस्ताक्षर थे। इसी वजह से इस समूह को जी -23 नाम मिला। बीते करीब 19 महीने में कांग्रेस के अंदर का ये प्रेशर ग्रुप अक्सर चुनाव के वक्त ही चर्चा में आया है। अगस्त 2020 में जब इस समूह ने पहली बार सोनिया गांधी को पत्र लिखा। उस वक्त राजस्थान के उप मुख्यमंत्री बगावती तेवर अपनाए हुए थे। वहीं ,  एक महीने बाद ही बिहार में चुनाव तारीखों का ऐलान होने वाला था। जी - 23 में शामिल कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी पार्टी की हार पर ट्वीट किया।

 

उन्होंने कहा कि पार्टी हारी है ,  पराजित नहीं हुई है। उन्होंने चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए भाजपा को बधाई भी दी। उन्होंने ट्वीट किया कि कांग्रेस अभी भी योग्य विरोधी साबित होगी। जैसा मेरे सहयोगी आलिम जावेरी ने कहा हम हारे हैं लेकिन पराजित नहीं हुए हैं। हमारा विश्वास मूल्य और हमारी विरासत की भावना बहुत गहरी है और आगे भी बनी रहेंगी। कांग्रेस नेता अजय कुमार ने कहा कि दुखी हैं लेकिन टूटे नहीं हैं। हिले हैं लेकिन बिखरे नहीं। दिल छोटा न करें धर्मी अकेले और कठिन लड़ाई लड़ते हैं।