एक स्कुल ऐसा जहां चार वर्षो से मंदिर की सराय में बिना टाटपट्टी और डेस्क के फर्श पर बैठकर पढ़ रहे 26 बच्चे
एक तरफ तो हिमाचल प्रदेश सरकार शिक्षा में गुणवत्ता की बात करती है दूसरी और हिमाचल प्रदेश के दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में हालत यह है कि दर्जनों स्कूलों के पास अपने भवन तक नहीं
यंगवार्ता न्यूज़ - चंबा 05-04-2023
एक तरफ तो हिमाचल प्रदेश सरकार शिक्षा में गुणवत्ता की बात करती है दूसरी और हिमाचल प्रदेश के दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में हालत यह है कि दर्जनों स्कूलों के पास अपने भवन तक नहीं है। प्रदेश के यदि चंबा जिला के उप मंडल भरमौर की बात करते हैं तो भरमौर उपमंडल के तहत एक स्कूल पिछले 4 सालों से गांव के मंदिर की सराय में चल रहा है।
बताते हैं कि स्कूल में 26 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जो 4 सालों से स्कूल भवन का इंतजार कर रहे हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिमाचल प्रदेश में सरकार इस प्रकार से शिक्षा में गुणवत्ता ला रही है। जानकारी के मुताबिक चंबा जिले के भरमौर में गांव गुरैठ का प्राइमरी स्कूल मंदिर के सराय भवन में चल रहा है।
पिछले 4 साल से भवन में कक्षाएं लग रही हैं और 26 बच्चों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है, क्योंकि 4 साल से स्कूल की बिल्डिंग नहीं बनी है। बजट अप्रूव होने के बावजूद स्कूल भवन नहीं बनाया गया। स्मार्ट क्लास तो दूर स्कूल के बच्चों को बैठने के लिए टाट व डेस्क तक सरकारें उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। चार वर्षों से स्कूल बिल्डिंग का टेंडर व बजट स्वीकृत है।
पुरानी बिल्डिंग को 4 साल पहले डिस्मेंटल कर दिया गया था। नया भवन बनाने का काम ठेकेदार को सौंप दिया गया, लेकिन ठेकेदार द्वारा काम नहीं करने के कारण बच्चों को मजबूर सराय में विद्या ग्रहण करनी पड़ रही है। इससे प्रशासन की कारगुजारी पर भी सवाल उठ रहे हैं। प्रशासन के अधिकारी मूकदर्शक बने बैठे हैं, शायद स्कूल भवन के लिए मिला बजट डकार गए हैं।
स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने कहा है कि पिछले कई वर्षों से स्कूल के नए भवन निर्माण के लिए बजट का प्रावधान भी हो गया, लेकिन विभाग द्वारा काम नहीं करवाए गया। इसके कारण नौनिहालों को भेड़ बकरियों की तरह सराय के कमरों में नंगे फर्श पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। खंड शिक्षा अधिकारी संजय कुमार ने कहा है कि जब तक नया भवन नहीं बन जाता, बच्चों के बैठने के लिए उचित प्रबंध किया जाएगा।
भरमौर के विधायक डॉक्टर जनक राज ने यंगवार्ता से कहा है कि मामला उनके ध्यान में आया है और यह बहुत ही शर्म की बात है। देश के भविष्य को शिक्षा ग्रहण करने में इस तरह की समस्या आ रही है तो यह बेहद ही शर्म की बात है। इसके लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। जल्दी ही भवन निर्माण शुरू कराया जाएगा। बजट के बावजूद काम नहीं कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।