सीएम से मुलाकात कर इस मामले में हस्तक्षेप कर निष्काषन रद्द करने की मांग
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 18-01-2022
विश्वविद्यालय में छात्र संगठन एनएसयूआई के तीन छात्र नेताओं के पक्ष में कांग्रेस के विधायक भी उतर आए है और उनके निष्कासन को राजनीति से प्रेरित करार दिया हैं। मंगलवार को कांग्रेस के पांच विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
इनमें किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी, कांगड़ा से विधायक पवन काजल, नालागढ़ से विधायक लखविंदर सिंह राणा, पालमपुर से विधायक आशीष बुटेल , फतेहपुर से विधायक भवानी सिंह शामिल थे। कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप कर इन छात्रों के निष्कासन को रद्द करने की मांग की।
कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने बताया की प्रदेश विश्वविद्यालय में पुस्तकालय व छात्रावास को कोरोना नियमों के साथ खोलने को लेकर ज्ञापन सौंपने के लिए एनएसयूआई के तीन पदाधिकारियों वीनू मेहता , यासीन बट्ट , परवीन मिन्हास का निष्कासन राजनीति से प्रेरित है।
प्रदेश विवि में कोरोना की महामारी के दौरान भर्तियां लगातार जारी है तो पुस्तकालय व छात्रावास को खुला रखने की आवाज रखना छात्रों की अहम मांग थी इसके लिए निष्कासन दुर्भाग्यपूर्ण है।
एक तरफ प्रदेश विश्वविद्यालय में कुछ छात्र संगठन दराट-कुल्हाड़ियों से एक दूसरे पर हमले कर रहे है , लेकिन आजतक विश्वविद्यालय प्रशासन उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं कर पाया, वही दूसरी तरफ एनएसयूआई के छात्र साथियों को छात्रों की मूलभूत समस्याओं पुस्तकालय व हॉस्टल बंद करने का विरोध किया व कोरोना के नियमों के साथ खुला रखने का आग्रह किया गया तो एनएसयूआई के पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया, कहीं ऐसा तो नहीं की यह सब जो विश्वविद्यालय मे वीसी के खिलाफ एनएसयूआई ने जो मोर्चा खोल रखा था उस आंदोलन को दबाने के लिए छात्रों का निष्कासन किया गया हो।
विधायक दल ने बताया इस तरह से तो छात्रों को उनके अधिकारों से वंचित करने की कोशिश की जा रही है, उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करके तुरंत छात्रों को बहाल करने की मांग की।