एनएच पर राजस्व वसूली का नया कीर्तिमान कायम,एक दिन में 144 करोड़ 19 लाख रुपए का जुटाया राजस्व

नेशनल हाई-वे पर राजस्व वसूली का नया कीर्तिमान कायम हो गया है। एक दिन में 144 करोड़ 19 लाख रुपए का राजस्व जुटाया गया है। यह राजस्व 2021 के पूरे दिसंबर महीने में जुटाए गए राजस्व से भी ज्यादा

एनएच पर राजस्व वसूली का नया कीर्तिमान कायम,एक दिन में 144 करोड़ 19 लाख रुपए का जुटाया राजस्व

 यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला      30-01-2023

नेशनल हाई-वे पर राजस्व वसूली का नया कीर्तिमान कायम हो गया है। एक दिन में 144 करोड़ 19 लाख रुपए का राजस्व जुटाया गया है। यह राजस्व 2021 के पूरे दिसंबर महीने में जुटाए गए राजस्व से भी ज्यादा है। बीते दिनों केंद्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने इस रिकार्ड को सार्वजनिक किया है। 

इसमें 24 दिसंबर को भारत में टोल प्लाजा के माध्यम से सबसे ज्यादा कमाई दर्शाई गई है। 2021 में पूरे महीने के दौरान 134 करोड़ 44 लाख रुपए का राजस्व जुटाया गया था। दिसंबर महीने तक हिमाचल के दो टोल प्लाजा समेत देश भर से 50 हजार 855 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया जा चुका है। 

फास्टैग व्यवस्था लागू होने के बाद राजस्व के मामले में भारी उछाल देखने को मिला है। बीते एक साल के दौरान वाहनों में 105 करोड़ नए फास्टैग का पंजीकरण हुआ है। वर्ष 2021 में 219 करोड़ लोग फास्टैग से जुड़े थे, जबकि 2022 में यह आंकड़ा बढक़र 324 करोड़ पहुंच गया है। पूरे देश में अब तक छह करोड़ से ज्यादा लोग फास्टैग का इस्तेमाल कर रहे हैं।

हिमाचल में कालका-शिमला और कीरतपुर-मनाली नेशनल हाई-वे पर दो टोल प्लाजा हैं। इन दोनों में पर्यटकों के वाहनों की तादाद ज्यादा है। कालका-शिमला में रोजाना दो से तीन हजार वाहन टोल प्लाजा में दोनों तरफ गुजरते हैं। वीकेंड पर इनकी संख्या तीन से पांच हजार के बीच रहती है। इस मार्ग पर बड़ा उद्योग न होने की वजह से व्यवसायिक वाहनों की आवाजाही सीमित है। 

दूसरी ओर कीरतपुर-मनाली एनएच पर भी पर्यटकों के माध्यम से ही राजस्व एनएचएआई को हासिल हो रहा है। यहां से गुजरने वाले वाहनों की तादाद डेढ़ से दो हजार के प्रति दिन आंकी गई है, जबकि हिमाचल से बाहर व्यवसायिक वाहनों की आवाजाही ज्यादा है। ऐसे में राजस्व के मामले में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश हिमाचल से आगे है। 

एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी की मानें तो फास्टैग से राजस्व में बढ़ोतरी के साथ ही वाहन चालकों के भी समय की बचत हो रही है। अब टोल पर लंबी कतारें देखने को नहीं मिलती है। फास्टैग से उगाहे राजस्व का इस्तेमाल हाई-वे के विकास में हो रहा है।