ओडीएफ में हिमाचल पांचवें पायदान पर, देश में पंजाब के शहर सबसे स्वच्छ
यंगवार्ता न्यूज़ - चंडीगढ़ 09-07-2021
देश में पंजाब के शहर सबसे स्वच्छ हैं। पंजाब ने देश की शहरी स्थानीय इकाइयों ( यूएलबी ) में ओपन डैफीकेशन फ्री ( ओडीएफ ) श्रेणी में पहला स्थान प्राप्त किया है। देश में 88.18 प्रतिशत शहरी इकाइयों के मुकाबले पंजाब को 99.38 प्रतिशत अंक मिले हैं।
पंजाब की 163 यूएलबी में से 162 यूएलबी को ओडीएफ प्लस और ओडीएफ डबल प्लस दर्जा हासिल हुआ है। पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने बताया कि यह प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में तीसरे पक्ष द्वारा खुले में शौच, व्यक्तिगत, सार्वजनिक और सामुदायिक पाखानों की कार्यशीलता और उनके रखरखाव की स्थिति की जांच करके मूल्यांकन किया जाता है।
जिसके अधीन सभी शौचालय गूगल मैप पर होने चाहिए और खुले में शौच नहीं होना चाहिए। मोहिंद्रा ने बताया कि यदि पंजाब की तुलना उत्तरी क्षेत्र के पड़ोसी राज्यों के साथ की जाए तो राज्य की 99.38 प्रतिशत यूएलबी, ओडीएफ प्लस और डबल प्लस प्रमाणित हैं, जिसके मुकाबले दूसरे राज्य पंजाब से पिछड़ गए हैं।
उन्होंने बताया कि शहरी पंजाब को 2 अक्तूबर 2018 को ही ओडीएफ घोषित किया गया था जब सभी यूएलबी ने तीसरे पक्ष द्वारा प्रमाणित ओडीएफ की प्रमाणिकता हासिल की थी।
यह उन लोगों जिनके पास घरेलू शौचालय नहीं हैं, को आईएचएचएल ( इंडिविजुअल हाउस होल्ड लैटरीन ) बनाने और सामुदायिक शौचालय के निर्माण और प्रयोग करने और सार्वजनिक पाखानों के निर्माण और रखरखाव के लिए उत्साहित करने से संभव हुआ है।
स्थानीय निकाय मंत्री ने बताया कि देश की सभी म्युनिसिपल इकाइयों को खुले में शौच मुक्त घोषित किए जाने के बाद भारत सरकार ने अब उच्च स्तरीय सर्टिफिकेट जैसे ओडीएफ प्लस और ओडीएफ डबल प्लस के आधार पर राज्यों का मूल्यांकन करना शुरू कर दिया है।
इस प्रक्रिया के दौरान हाल ही में तीसरे पक्ष के मूल्यांकन के द्वारा आवास निर्माण और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा 4374 शहरी स्थानीय इकाईयों का खुले में शौच मुक्त, ओडीएफ प्लस और डबल प्लस प्रमाण पत्र के लिए मूल्यांकन किया गया।
ओडीएफ श्रेणी में पंजाब ने उत्तर भारत के सभी राज्यों हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली और जम्मू कश्मीर को भी पीछे छोड़ दिया है।
ओडीएफ श्रेणी में हिमाचल प्रदेश की 75.40 प्रतिशत (46 /61) यूएलबी ओ.डी.एफ प्लस और डबल प्लस प्रमाणित हैं, जबकि हरियाणा की 81.60 प्रतिशत (71/87), उत्तराखंड की 88.89 प्रतिशत (88/99), जम्मू-कश्मीर की 73.75 प्रतिशत (59/80) और दिल्ली की 80 प्रतिशत (4/5) प्रमाणित हैं।