ओलावृष्टि से फससों को हुए नुकसान का मुआवजा दे सरकार
असमायिक बारिश और ओलावृष्टि होने से कसुंपटी विधानसभा क्षेत्र के अनेक गांव में नकदी फसलों को बहुत नुकसान पहूंचा है। जिसके चलते किसान हताश और निराश
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 21-04-2023
असमायिक बारिश और ओलावृष्टि होने से कसुंपटी विधानसभा क्षेत्र के अनेक गांव में नकदी फसलों को बहुत नुकसान पहूंचा है। जिसके चलते किसान हताश और निराश है। किसानसभा के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ0 कुलदीप तंवर ने शुक्रवार को जारी बयान में सरकार से किसानों को आपदा राहत नियमावली के अनुरूप मुआवजा देने का आग्रह किया है।
उन्होने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान नालदेहरा और पटगैहर सहित अनेक पंचायतों में हुआ है। फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए डाॅ0 तंवर ने सरकार से विशेष गिरदावरी करवाने की मांग की है ताकि किसानों को उनके नुकसान के अनुरूप मुआवजा मिल सके। उन्होने बताया कि कसुंपटी निर्वाचन क्षेत्र में कुल 224 राजस्व गांव है।
जिनमें से करीब 146 गांव में नकदी फसलें किसानों की आय का एक मात्र साधन है। इन निर्वाचन क्षेत्र में किसानों द्वारा मटर, टमाटर, गोभी, शिमला मिर्च और फ्रांसबीन की प्रमुख नकदी फसलें उत्पादित की जाती है। जिससे किसानों का वर्षभर का रोजमर्रा का खर्चा इन फसलों पर निर्भर है।
डाॅ तंवर ने बताया कि आपदा राहत नियमावली में संशोधन करने की बहुत आवश्यकता है। हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबंधन नियमावली के तहत केवल तीन सौ रूपये बीघा मुआवजा दिया जाता है जबकि केरल, दिल्ली, कर्नाटक और तेलंगाना में किसानों को आपदा राहत के तहत पांच हजार बीघा मुआवजा देने का प्रावधान है।
उन्होने कहा कि कसुपंटी विस से वर्तमान में काबीना मंत्री हिमाचल सरकार में है। जिन्हें इस मामले को सरकार के समक्ष उठाना चाहिए। ताकि किसानों को राहत मिल सके। उन्होने कहा कि यदि इस बारे सरकार द्वारा कोई कारगर पग नहीं उठाए तो किसान सभा आन्दोलन का रास्ता अख्तियार करने से गुरेज नहीं करेगी।