यंगवार्ता न्यूज़ - चम्बा 06-05-2023
आखिरकार चंबा जिले में सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं के सब्र का बांध टूट गया और छात्र छात्राएं आज कक्षाएं छोड़कर सड़क पर उतर गए। जहाँ उन्होंने सरकार और विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बताते है स्कूल में अध्यापकों की तैनाती की मांग को लेकर छात्र कक्षाएं छोड़ सड़कों पर उतर गए हैं। लांमू स्कूल में अध्यापकों के पद के रिक्त होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल के छात्र-छात्राएं लांमू-हिलिंग सड़क पर बैठकर नारेबाजी कर रहे हैं।
पूर्व सरकार ने लांमू को माध्यमिक से वरिष्ठ स्कूल का दर्जा तो दे दिया लेकिन अब तक अध्यापक नहीं भेजे। 11वीं और 12वीं की कक्षाएं एक वर्ष तक बिना अध्यापकों के ही चलती रहीं। लोगों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा एक तरफ तो शिक्षा में गुणवत्ता के बात करती है दूसरी और आलम यह है कि हिमाचल प्रदेश के सैकड़ों स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है। प्रदेश में करीब 3000 से अधिक स्कूल सिंगल टीचर के सहारे चल रहे हैं।
ऐसा ही एक स्कूल हिमाचल प्रदेश के चंबा का सरकारी स्कूल है जहाँ छात्र छात्राओं ने कक्षाएं छोड़कर सड़क पर बैठकर धरना शुरू कर दिया। बताते हैं कि चंबा जिला के माध्यमिक स्कूल लांमू का दर्जा बढ़ाकर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला तो कर दिया लेकिन स्कूल में स्टाफ की कमी है। जिसके चलते अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है। अभिभावकों का कहना है कि यदि प्रदेश सरकार द्वारा लांमू स्कूल में शिक्षकों की तैनाती नहीं की तो उनका संघर्ष और तेज होगा।
अभिभावकों ने कहा कि 11वीं और 12वीं की कक्षाएं 1 वर्ष से बिना शिक्षक के ही चल रही है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो छात्र बिना शिक्षक के पड़े हैं वह कितने काबिल होंगे। इससे साफ जाहिर है कि प्रदेश सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है