कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए घमसान , बढ़ने लगी कुर्सी के चाहवानों की फेरहिस्त ,  चार और नेता आये सामने 

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए मचा घमासान क्या एक सोची समझी साजिश है या फिर कुछ और। इससे पहले कांग्रेस में कभी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए ऐसी उधेड़बुन और उलझन नहीं देखी

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए घमसान , बढ़ने लगी कुर्सी के चाहवानों की फेरहिस्त ,  चार और नेता आये सामने 

न्यूज़ एजेंसी - जयपुर  26-09-2022
 
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए मचा घमासान क्या एक सोची समझी साजिश है या फिर कुछ और। इससे पहले कांग्रेस में कभी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए ऐसी उधेड़बुन और उलझन नहीं देखी।
 
 
अब तक गांधी परिवार ही पार्टी की बागडोर संभाल रहा था, लेकिन जैसे ही गांधी परिवार ने अध्यक्ष पद के लिए पार्टी के अन्य चेहरों में से किसी एक को अध्यक्ष बनाने की बात कही, कांग्रेस के कई नेता इस रेस में ऐसे आगे आए, मानों पहले किसी ने उन्हें रोक रखा था। 
 
 
अब तो स्थिति ऐसी हो गई है कि हर कोई पार्टी की बागडोर संभालने को लालायित है, लेकिन बदलती सियासत ने पार्टी के भीतर ही ऐसे रंग दिखा दिए हैं कि बगावत का दौर शुरू हो गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद को आगे कर अपनी सियासत चमकाने में सबसे आगे आए हैं, लेकिन अब उनका दांव भी उलटा पड़ता नजर आ रहा है। 
 
 
कांग्रेस पार्टी दिग्गज सचिन पायलट की नाराजगी मोल लेना नहीं चाहती है, क्योंकि सचिन एक युवा और सियासत के माहिर खिलाड़ी हैं। पार्टी को डर है कि अगर कुछ भी ऊपर-नीचे हो जाता है, तो कहीं राजस्थान भी उसके हाथ से न निकल जाए। दूसरी ओर अशोक गहलोत के अलावा अध्यक्ष पद की रेस में चार और नेता शामिल हो गए हैं। 
 
 
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडग़े, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक और दिग्विजय सिंह भी अध्यक्ष पद की रेस में शामिल हो गए हैं। चूंकि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं और उनके अध्यक्ष बनने से पार्टी में कोहराम मच सकता है। 
 
 
वैसे भी अपने बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस किसी भी पार्टी नेता की नाराजगी मोल लेने की स्थिति में नहीं है। यहां पार्टी हाईकमान को फूंक-फूंक कर कदम रखने पड़ रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस को इस समय ऐसे सरदार की जरूरत है। 
 
 
जो पार्टी मजबूत बनाकर फिर से भाजपा के सामने खड़ा कर सके। अब आने वाले दो-तीन दिनों में अध्यक्ष पद के लिए कौन-कौन नामांकन भरता है और कितने पीछे हटते हैं, पता चल जाएगा। फिर 30 सितंबर तक सारी तस्वीर साफ हो जाएगी।