केंद्र सरकार से बजट न मिलने से दो-दो साल से लटके मनरेगा के काम
हिमाचल प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। केंद्र सरकार से बजट नहीं मिलने की वजह से मनरेगा के काम दो-दो साल से लटके
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 29-06-2022
हिमाचल प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। केंद्र सरकार से बजट नहीं मिलने की वजह से मनरेगा के काम दो-दो साल से लटके हुए हैं।
मनरेगा मजदूरों को समय पर दिहाड़ी भी नहीं मिल रही है। प्रदेश की कुछ पंचायत प्रधानों से जब बात की गई तो उनका कहना है कि काम नहीं होने से लोग उन्हें गालियां दे रहे हैं।
मिली सूचना के मुताबिक, मनरेगा में 120 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि की देनदारी हो गई है। खासकर मैटेरियल कंपोनेंट में कोरोना काल से ही बजट नहीं मिल रहा है। केंद्र ने कुछ दिन पहले मैटेरियल कंपोनेंट में बजट जारी किया है, लेकिन यह राशि ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है।
प्रदेश की 3615 पंचायतों में मनरेगा योजना कार्यान्वित की जा रही है। कई पंचायतों में 4 से 5 लाख रुपए तक की बकाया राशि हो गई है और ज्यादातर पंचायतों में 10 से 20 काम पेंडिंग बताए जा रहे हैं। जब तक सीमेंट, रेत, बजरी इत्यादि के लिए सरकार बजट नहीं देगी, तब तक लंबित काम पूरे नहीं किए जा सकते हैं। इससे ग्रामीण हिमाचल में सभी विकास कार्य ठप हो गए हैं।