केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर सीएम प्रदेश के लिए ज्यादा से ज्यादा आर्थिक मदद की करेंगे मांग 

केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर सीएम प्रदेश के लिए ज्यादा से ज्यादा आर्थिक मदद की करेंगे मांग 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   11-02-2021

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर गुरुवार को नई दिल्ली जा रहे हैं। वह वहां केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और हिमाचल प्रदेश के लिए ज्यादा से ज्यादा आर्थिक मदद की मांग करेंगे। सीएम अपने कार्यकाल का चौथा बजट छह मार्च को पेश करेंगे। 

उससे पहले उनका नई दिल्ली का यह दौरा बड़ा अहम माना जा रहा है।  कोरोना काल में प्रदेश की आर्थिक हालत पहले ही पतली हो चुकी है। ऊपर से इस बार केंद्र सरकार ने प्रदेश के लिए आगामी वित्तीय वर्ष के बजट के लिए राजस्व घाटा अनुदान में भी कटौती कर दी है। यह जहां चालू वित्तीय वर्ष में 11,431 करोड़ रुपये है, वहीं आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए इसे 10,249 करोड़ रुपये दिया जाएगा।

इस बार प्रदेश का बजट करीब 52000 करोड़ रुपये का संभावित है। कोरोना की वजह से हो सकता है कि चालू वित्तीय वर्ष की तुलना में यह बहुत ज्यादा न बढ़े। वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट 49131 करोड़ रुपये का था। 

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर गुरुवार को चार बजे नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे। इससे पहले वह पीटरहॉफ शिमला में स्वर्णिम हिमाचल रथ यात्रा पर आयोजित बैठक में भाग लेंगे। युवा विज्ञान पुरस्कार समारोह में भी वह हिस्सा लेंगे। राज्य की माली हालत पतली चल रही है। 

कोरोना संकट के बीच तो प्रदेश सरकार के खर्च और भी बढ़ गए हैं। राज्य सरकार को विशेष अनुमति लेकर सीमा से ज्यादा कर्ज लेना पड़ रहा है। प्रदेश की आमदनी घट गई है। कर्मचारियों, पेंशनरों के वेतन-भत्तों में ही सरकार का ज्यादातर बजट खर्च हो रहा है।

इससे सरकार विकास कार्यों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रही। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर केंद्रीय मंत्रियों से विभिन्न योजनाओं का समयबद्ध बजट जारी करने और विभिन्न केंद्रीय वित्तपोषित योजनाओं में प्रदेश की आर्थिक मदद बढ़ाने की बात करेंगे। 

इस बार केंद्र सरकार ने पूंजीगत व्यय बढ़ा दिया है। इससे आधारभूत ढांचा विकसित होगा। सीएम 15वें वित्तायोग की मंडी एयरपोर्ट के लिए बजट रिलीज करने समेत सड़कों, हवाई अड्डों, रेल मार्गों, पर्यटन आदि के लिए भी बजट पर स्थिति स्पष्ट करवाएंगे, 

जिससे इन योजनाओं को वह आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में दर्शा सकें। मुख्यमंत्री अधिकारियों से बजट पर रोजाना मंत्रणा कर रहे हैं। बुधवार को भी उन्होंने इस संबंध में वित्त विभाग के अधिकारियों से मंत्रणा की। 

हिमाचल प्रदेश पर वर्तमान में करीब 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। हर साल नया कर्ज लेना पड़ रहा है। एक बड़ी रकम तो सालाना कर्ज और इसके ब्याज की अदायगी में ही खर्च हो रही है। 

राज्य का जीएसटी संग्रहण भी कोरोना काल में घट गया। कई अन्य स्रोतों से भी आमदनी कम हो गई। वैसे भी राज्य सरकार के पास आय के कम स्रोत हैं। 15वें वित्तायोग ने पहले ही सरकार को खर्च घटाने की नसीहत दी है।