केन्द्रीय विश्वविद्यालय मामले को लेकर उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर गरजी एबीवीपी
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 26-02-2021
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् शिमला द्वारा उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के तुगलकी फरमान जारी कर विवि को बंद करने के विरुद्ध धरना प्रदर्शन किया।
एबीवीपी के प्रान्त सह मंत्री विक्रांत चौहान जी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय पिछले लगभग ग्यारह वर्षों से अपने स्थाई परिसर के लिए तरस रहा है।
राजनीतिक अस्तक्षेप के चलते रोजाना आम छात्र परिसर के लिए तरस रहे है और शिक्षा के लिए 3 अलग अलग स्थानों के चक्कर काटने पड़ रहे है जो सैंकड़ों किलोमीटर की दूरी पर अस्थाई परिसर विश्वविद्यालय हेतु तय किए गए है।
विक्रांत ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार कार्यालय से एक तुगलकी फरमान जारी किया जाता है जो जबरन छात्रों के ऊपर थोपा जा रहा है जिस अधिसूचना में विश्वविद्यालय को अचानक बंद करने का निर्णय छात्रों पर दबाव से मनवाया जा रहा है।
आज उपायुक्त कार्यालय शिमला में विद्यार्थी परिषद ने विरोध प्रदर्शन करते हुए विश्विद्यालय को खोलने की मांग की लेकिन प्रशासन इस कदर गूंगा और बेहरा हो गया है कि न छात्रों की मांगों को सुना जा रहा है और न ही कोई छात्रों के भविष्य के पक्ष में निर्णय लिया जा रहा है।
शिक्षा और केंद्रीय विश्वविद्यालय के नाम पर राजनीतिक अस्तक्षेप विद्यार्थी परिषद बिल्कुल सहन नहीं करेगी और जमकर विरोध करेगी जब तक की इस समस्या का समाधान नहीं मिल जाता ।
विक्रांत चौहान ने कहा कि विद्यार्थी परिषद पिछले 11 वर्षों से ही इस केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर हेतु आंदोलनरत है और इस दौरान जब ये सारा एपिसोड विश्वविद्यालय में हुआ उस समय न तो विश्वविद्यालय के कुलपति वहां पर उपस्थित थे और न ही वहां पर उपस्थित रजिस्ट्रार का छात्रों के प्रति संवेदना भरा रवैया था।
मयंक ने कहा कि पहले भी भ्रष्टाचार के आरोपों में संलिप्त इस रजिस्ट्रार का अतीत रहा है और वर्तमान में भी छात्रों के प्रति रजिस्ट्रार का नाकारतमकता भरा रवैया है।
विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि ऐसे भ्रष्ट रजिस्ट्रार को ऐसे ऊंचे पद से बर्खास्त किया जाए ताकि छात्रों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ न हो और विद्यार्थी परिषद प्रदेश और केंद्र सरकार से मांग करती है की छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए शीघ्र अति शीघ्र स्थाई परिसर का निर्माण किया जाए।