एसएफआई ने प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई कैंपस के अंदर मुंह पर काली पट्टी बांधकर किया प्रदर्शन

एसएफआई ने प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई कैंपस के अंदर मुंह पर काली पट्टी बांधकर किया प्रदर्शन

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   26-02-2021

एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई ने विश्वविद्यालय की तमाम छात्र मांगों को लेकर विश्वविद्यालय परिसर के अंदर काली पट्टी मुंह पर बात कर मौन धरना प्रदर्शन किया। 

कैंपस सह सचिव रॉकी ने प्रशासन पर आरोप लगाया की विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से छात्रों की मांगों को अनदेखा और अनसुना कर रहा है और कैंपस के अंदर मनमाने तरीके से एक अघोषित आपातकाल लागू कर चुका है।

धरने को संबोधित करते हुए  एसएफआई सचिवालय सदस्य सुदेश ने बताया कि विश्वविद्यालय को ना खोलना एक सुनियोजित तरीके से अपनी गलतियों को छुपाने का पैंतरा है

प्रशासन जानता है जब जब छात्र एकजुट होकर प्रशासन के खिलाफ लड़ा है प्रशासन को हमेशा अपने छात्र विरोधी फैसलों के लिए मुंह की खानी पड़ी है।

करण कपूर ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रावास में छात्रों को रहने की व्यवस्था प्रदान नहीं कर रहा है। 

जिस वजह से मजबूरन छात्रों को शिमला में महंगे कमरे लेकर रहना पड़ रहा है और जिस वजह से छात्र बुरी तरह से आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रहा है विश्वविद्यालय प्रशासन ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर एक भद्दा मजाक छात्रों के साथ कर रहा है। 

क्योंकि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थिति यहां पर रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति इतनी समृद्ध नहीं है कि वह महंगे फोन महंगे रिचार्ज आदि का खर्चा उठा सकें। 

एसएफआई ने मांग रखी कि जल्द से जल्द विश्वविद्यालय तथा छात्रावासों को आम छात्रों के लिए खोला जाए पिछले लंबे समय से इन मांगों को लेकर परिसर के अंदर लड़ाई लड़ रही है अगर प्रशासन अभी भी बेपरवाह इन मांगों को लेकर रहता है तो एक उग्र आंदोलन कैंपस के अंदर लड़ा जाएगा। 

इसके साथ साथ एसएफआई ने मांग रखी कि आज से हिमाचल प्रदेश का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है तो कम से कम राज्य बजट का 30% शिक्षा पर खर्च किया जाए । 

विदित है विश्वविद्यालय ने प्रदेश सरकार से 235 करोड के ग्रांट मांगी थी लेकिन सरकार से सिर्फ 110 करोड मिला था इस बार एसएफआई ने यह मांग उठाई कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के खिलाफ बेरुखी ना बरतते हुए अच्छे बजट का प्रावधान करेगी अगर ऐसा करने में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय व प्रदेश सरकार विफल रहती है तो आने वाले कैंपस के अंदर और तीखा आंदोलन किया जाएगा