कोरोना संकट की वजह से हिमाचल का मछली कारोबार प्रभावित
यंगवार्ता न्यूज़ - बिलासपुर 03-05-2021
कोरोना संकट की वजह से हिमाचल का मछली कारोबार प्रभावित हो गया है। मुंबई, दिल्ली, कर्नाटक और पंजाब सहित अन्य राज्य कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन की स्थिति में हैं , जिसके चलते हिमाचली फिश को मार्केट नहीं मिल पा रही।
इससे प्रदेश के जलाशयों में कार्यरत साढ़े पांच हजार मछुआरों के समक्ष रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। अहम बात यह है कि कोलडैम में मत्स्य विभाग द्वारा तैयार की गई डेढ़ से दो मीट्रिक टन रेनबो ट्राउट भी बिक नहीं रही।
जिला बिलासपुर में टैम्प्रेचर बढ़ रहा है, जिसके चलते मछली अधिक समय तक जीवित नहीं रह पाएगी। प्रदेश में गोबिंदसागर, कोलडैम, पौंगडैम, रणजीत सागर डैम और चमेरा डैम बड़े जलाशय हैं, जहां बड़े स्तर पर मछली कारोबार होता है।
इन पांचों जलाशयों में 5500 के करीब मछुआरे कार्यरत हैं और सोसायटियों के माध्यम से मछली पकडऩे का कार्य करते हैं, जिससे उनकी रोजी चलती है। मत्स्य विभाग ने पहली बार केज में रेनबो ट्राउट का सफल प्रयोग किया है,
लेकिन विडंबना यह है कि इस समय कसौल में उपलब्ध 250 से 300 ग्राम वजन की डेढ़ से दो मीट्रिक टन ट्राउट को बाजार नहीं मिल पा रहा। मत्स्य विशेषज्ञों की मानें तो कोलडैम में मात्र छह माह में ही ट्राउट की सफल प्रोडक्शन की है,
जबकि ठंडे क्षेत्रों में इस प्रोसेस के लिए 12 से 15 माह तक लग जाते हैं। उधर, इस संदर्भ में बात करने पर मत्स्य निदेशक सतपाल मैहता ने बताया कि जलाशयों में मछली कारोबार प्रभावित हुआ है।
कांगड़ा जिला के पौंग डैम में मछली पकडऩे का कार्य बंद है। जिला प्रशासन की ओर से कोरोना की बिगड़ती स्थिति की ध्यान में रखते हुए पौंग डैम में फिशिंग बंद करवा दी गई है।