कर्मचारियों की अनदेखी पर न्यायालय सख्त, हाईकोर्ट ने विप्रो कंपनी से किया जवाब तलब
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विप्रो कंपनी के कर्मचारियों की मांगों को लेकर दायर याचिका में कंपनी प्रबंधन से जवाब तलब किया है। विप्रो कर्मचारी संघ ने कंपनी प्रबंधन पर प्रताड़ना का आरोप
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 28-12-2022
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विप्रो कंपनी के कर्मचारियों की मांगों को लेकर दायर याचिका में कंपनी प्रबंधन से जवाब तलब किया है। विप्रो कर्मचारी संघ ने कंपनी प्रबंधन पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है।
मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 6 मार्च को निर्धारित की है। सोलन जिले के बरोटीवाला स्थित विप्रो कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया कि उन्होंने कंपनी प्रबंधन के समक्ष अपनी मांगें उठाई थीं।
प्रबंधन की ओर से मांगें न मानने पर संघ ने समझौता अधिकारी के पास आवेदन किया। समझौता न होने पर मामला श्रम अधिकारी को भेजा गया। श्रम अधिकारी ने मामले को श्रम न्यायालय न भेजने के बजाए दोबारा समझौता अधिकारी को भेज दिया।
श्रम अधिकारी के इस निर्णय को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई है। संघ ने कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि सभी कामगारों को 7,000 रुपये मूल वेतन भत्ता प्रतिमाह दिया जाए। राज्य सरकार की तर्ज पर उन्हें मासिक महंगाई भत्ता दिया जाए। परिवहन भत्ते में 2,000 रुपये प्रतिमाह तक की बढ़ोतरी की जाए।
उत्पादन योजना के तहत सभी कामगारों को उत्पादन का 50 फीसदी हिस्सा इनाम के तौर पर दिया जाए। वार्षिक और आकस्मिक अवकाश में बढ़ोतरी, पाली भत्ता, गृह भटक भत्ता और त्योहार भत्ता देने की मांग की है। इसके अलावा मृत्यु राहत योजना के तहत आश्रितों को 10 लाख दिए जाने की मांग की गई है।