कुल्लू, अर्की, नाहन व चौपाल नगर निकाए बने अटल श्रेष्ठ शहर योजना के विजेता

अटल श्रेष्ठ शहर योजना 2020 व 2021 का पुरस्कार वितरण समारोह वीरवार को अटल बिहारी वाजपेई पर्वतारोहण संस्थान मनाली के सभागार में आयोजित किया गया

कुल्लू, अर्की, नाहन व चौपाल नगर निकाए बने अटल श्रेष्ठ शहर योजना के विजेता

यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू     21-07-2022

अटल श्रेष्ठ शहर योजना 2020 व 2021 का पुरस्कार वितरण समारोह वीरवार को अटल बिहारी वाजपेई पर्वतारोहण संस्थान मनाली के सभागार में आयोजित किया गया। शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन व विधि मंत्री पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे जबकि शिक्षा व कला भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

नगर परिषद श्रेणी में वर्ष 2020 का विजेता नगर परिषद नाहन रहा जिसे एक करोड का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। दूसरा स्थान हासिल करने वाली नगर परिषद मनाली को 75 लाख जबकि तीसरे स्थान पर नगर परिषद कुल्लू को 50 लाख रुपये के पुरस्कार प्रदान किए गए। 

इसी प्रकार, नगर पंचायत श्रेणी में पहले स्थान पर चोपाल, दूसरे पर गगरेट व तीसरे स्थान पर कोटखाई नगर पंचायत को क्रमशः 75 लाख, 50 लाख व 25 लाख रुपए के इनाम वितरित किए गए।
 
वर्ष 2021 के लिए नगर परिषद कुल्लू को प्रथम स्थान हासिल करने पर एक करोड रुपए, ऊना को 75 लाख रुपए व बद्दी को 50 लाख रुपए के पुरस्कार प्रदान किए गए। नगर पंचायत श्रेणी में जिला सोलन का अर्की पहले स्थान पर रहा और 75 लाख रुपए का पुरस्कार प्रदान किया गया जबकि दूसरे स्थान पर सुन्नी को 50 लाख व नारकंडा को 25 लाख रुपए का पुरस्कार प्रदान किया गया।

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कुल 61 स्थानीय शहरी निकाय हैं। वर्ष 1948 से पहले प्रदेश में केवल 8 शहरी स्थानीय निकाय थी जबकि 1971 में हिमाचल प्रदेश के गठन के समय 23 स्थानीय शहरी निकाय कार्यरत थीं जिनकी संख्या बढ़कर अब 61 हो गई है। यह शहरीकरण की ओर बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1994 हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1994 में किए गए प्रावधानों के अनुरूप समय-समय पर नए क्षेत्रों को शहरी स्थानीय निकायों में शामिल किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2020 में तीन नगर परिषदों क्रमशः मंडी सोलन व पालमपुर में आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर इन निकायों का उन्नयन कर नगर निगम का दर्जा प्रदान किया। 

वर्ष 2020 में 7 नई नगर पंचायतों क्रमशः शाहपुर अंब निरमंड, आनी, नेरवा, चिरगांव व कंडाघाट का गठन किया गया। उन्होंने कहा तीन नई नगर निगमों में 75 नए पद तथा नई नगर पंचायतों में 35 नए पद सृजित किए गए।

शहरी विकास मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों को पांचवें राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक 679 करोड रुपए की अनुदान राशि जारी की है। छठे राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुरूप चालू वित्तीय वर्ष में 184 करोड रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। 

उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों के दौरान केंद्रीय वित्त आयोग के अंतर्गत शहरी स्थानीय निकायों एवं छावनी बोर्डों को 401 करोड रुपए की अनुदान राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा केंद्रीय वित्त आयोग के अंतर्गत वर्ष 2021 22 में पहली बार 5.53 करोड रुपए की स्वास्थ्य अनुदान भी शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों के उन्नयन के लिए जारी किया गया।

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि वर्तमान सरकार शहरी क्षेत्रों में रह-रहे लोगों को गुणात्मक जीवन प्रदान करने के लिए अनेक योजनाएं लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि धर्मशाला स्मार्ट सिटी को 293 करोड रुपए जारी किए गए हैं जिसमें से 12 परियोजनाओं में 116 करोड रुपए की राशि का कार्य पूरा किया जा चुका है तथा 54 परियोजनाएं जिनकी लागत 517 करोड़ ह,ै को शुरू किया जा रहा है। 

धर्मशाला स्मार्ट सिटी में अब तक 293 करोड रुपए की राशि का उपयोग किया जा चुका है। इसी तरह हमारी सरकार ने शिमला स्मार्ट सिटी में 216 कार्यों वाली 28 बहुउद्देशीय परियोजनाओं के लिए 383 करोड़ों की राशि प्रदान की है और अभी तक 40 कार्याे को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि शिमला स्मार्ट सिटी में अब तक 329 करोड रुपए की राशि का उपयोग किया जा चुका है। 

शहरी विकास मंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत सरकार द्वारा शहरी स्थानीय निकायों में सामुदायिक शौचालय के तहत 6741 व्यक्तिगत घरेलू शौचालय और 1664 सार्वजनिक शौचालय सीटों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण में राज्य की रैंकिंग 2018 में 16 से बढ़कर 2020 में 6 और 2021 में 5 हो गई है।

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सरकार द्वारा 61 शहरी स्थानीय निकायों के 551 वार्डों में घर-घर जाकर कूड़ा कचरा संग्रहण का कार्य शुरू किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों को अपशिष्ट प्रसंस्करण को मशीनीकरण के लिए तथा पुराने अपशिष्ट प्रसंस्करण के लिए 10 ट्रोमेल मशीनें और कचरे के संघनन के लिए 48 मशीनें प्रदान की हैं। 

उन्होंने कहा वे चालीस शहरी स्थानीय निकायों में कंपोस्टिंग सुविधाओं को विकसित किया गया है जिसमें गीले कचरे के निपटान के लिए सात ऑर्गेनिक वेस्ट कनवर्टर उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा 21 शहरी स्थानीय निकायों में अर्गेनिक वेस्ट कनवर्टर स्वीकृत किए गए। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्लास्टिक बाय बैक नीति सभी शहरी स्थानीय निकायों में लागू की है जिसके तहत गैर पुनरनवीनीकरण योग्य प्लास्टिक 75 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा जा रहा है।

शहरी विकास मंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत 40 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है। सरकार ने प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के अंतर्गत 180 करोड रुपए की डीपीआर को मंजूरी दी है जिसमें मकानों के निर्माण के लिए 133 करोड रुपए की राशि जारी की गई है  इस योजना के तहत प्रत्येक घर के निर्माण के लिए 1.85 लाख रुपये प्रदान किये जा रहे हैं।

पूर्व सांसद महेश्वर सिंह, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष धनेश्वरी ठाकुर, शहरी विकास विभाग के निदेशक मनमोहन शर्मा, संयुक्त निदेशक राखी सिंह, पर्वतारोहण संस्थान के निदेशक अविनाश नेगी, प्रदेश के नगर निगमों के महापौर, शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्ष उपाध्यक्ष व पार्षद गण, विभिन्न विभागों के अधिकारी व अन्य लोग समारोह में उपस्थित रहे।
                     .0.