कोवैक्सीन की 18 राज्यों को सीधी सप्लाई करने के बाद भी कुछ राज्य उठा रहे सवाल : भारत बायोटेक

कोवैक्सीन की 18 राज्यों को सीधी सप्लाई करने के बाद भी कुछ राज्य उठा रहे सवाल : भारत बायोटेक

न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 12-05-2021

देश में कई राज्यों में कोरोना वैक्सीन की कमी की शिकायत के बीच भारत बायोटेक ने वैक्सीन की डायरेक्ट सप्लाई के बारे में बताया। कंपनी ने बताया कि वह कोवैक्सीन की नियमित सप्लाई जारी रखेगा। इसी के मद्देनजर पहली मई से अब तक 18 राज्यों को सीधी सप्लाई की जा रही है।

जिन राज्यों को सीधी सप्लाई की गई है, उसमें आंध्र प्रदेश, दिल्ली, बिहार, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं। भारत बायोटेक ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘हम लगातार सप्लाई तेज करने के प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद कुछ राज्य हम पर सवाल उठा रहे हैं, यह बेहद निराशाजनक है।

हमारे 50 फीसदी कर्मचारी कोरोना की वजह से काम नहीं कर पा रहे। फिर भी हम महामारी और लॉकडाउन के बीच 24 घंटे काम कर रहे हैं। हाल ही में कंपनी की ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर सुचित्रा एला ने कहा था कि केंद्र सरकार से प्राप्त आवेदन के आधार पर कंपनी ने पहली मई से राज्यों को वैक्सीन की सीधी आपूर्ति शुरू कर दी है। इससे पहले हेल्थ मिनिस्ट्री ने बताया था कि तीसरे फेज के लिए होने वाले टोटल प्रोडक्शन का 50 फीसदी केंद्र सरकार रखेगी, जबकि बाकी 50 फीसदी राज्य सरकारों और खुले बाजार में बिक्री के लिए दिया जाएगा। 

भारत बायोटेक ने केंद्र सरकार को 150 रुपए प्रति डोज और राज्यों को 600 रुपए प्रति डोज के दाम पर वैक्सीन देने का ऐलान किया था। काफी आलोचना के बाद कंपनी ने 29 अप्रैल को अपने टीके की कीमत 600 रुपए से घटाकर 400 रुपए प्रति डोज करने की घोषणा कर दी। प्राइवेट हॉस्पिटलों का यह 1200 रुपए प्रति डोज ही मिल रही है।

 भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की कोशिशों से बनी पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन दुनिया की सबसे सफल वैक्सीन में से एक के तौर पर सामने आई है। कंपनी ने फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल्स के दूसरे अंतरिम नतीजों के आधार पर दावा किया है कि वैक्सीन की क्लिनिकल एफिकेसी 78 फीसदी है।

यानी यह कोरोना इन्फेक्शन को रोकने में 78 फीसदी इफेक्टिव है। अच्छी बात यह है कि जिन्हें ट्रायल्स में यह वैक्सीन लगाई गई थी, उनमें से किसी में भी गंभीर लक्षण नहीं दिखे। यानी गंभीर लक्षणों को रोकने के मामले में इसकी इफेक्टिवनेस 100 फीसदी है।