कृषि कानूनों के विरोध में हिमाचल किसान सभा और सीटू ने जगह-जगह किए विरोध प्रदर्शन
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 27-05-2021
तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में हिमाचल किसान सभा और सीटू ने बुधवार को जिले में काला दिवस मनाया। कोरोना कर्फ्यू के नियमों का पालन करते हुए किसानों व मजदूरों ने विभिन्न स्थानों पर इन कृषि कानूनों का विरोध किया।
कोरोना के चलते प्रदर्शन छोटे-छोटे समूहों में ही किया गया। लेकिन इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला गया।
किसान सभा के उपाध्यक्ष देव राज नेगी ने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन में किसानों और मजदूरों ने केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने की मांग की है।
फसलों को सूखे, ओले, बर्फबारी और अंधड़ से हुए नुकसान का जायजा लेकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए। कृषि ऋण माफ किया जाए। इसके साथ ही जरूरतमंद लोगों को 10 किलो अनाज मुफ्त तथा 7500 रुपये प्रति परिवार दिए जाए।
कोरोना से बेरोजगार हुए लोगों को सरकारबेरोजगारी भत्ता प्रदान करे। हिमाचल किसान सभा व सीटू ने बंजार व सैंज में विरोध प्रदर्शन किया गया।
हिमाचल किसान सभा के जिला महासचिव एवं राज्य उपाध्यक्ष नारायण चौहान ने कहा कि महंगाई चरम सीमा पर पहुंच गई है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस व राशन की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है।
सरकार ने मजदूरों के शोषण को बढ़ावा दिया है। सरकार देश के किसानों को कॉरपोरेट और कंपनियों के हवाले करने पर तुली है।
कोरोना की दूसरी लहर ने सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। सरकार सभी आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण करवाना सुनिश्चित करे। किसानों व मजदूरों के हितों की यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।