सरकार ने मांगे नही मानी तो करेंगे उपवास, किसानों की दी टूक
न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 13-12-2020
दिल्ली की सरहदों पर डटे किसान अपनी मांगों से समझौता करने को तैयार नहीं है. शनिवार को उन्होंने सरकार को उपवास (रखने की चेतावनी दे दी है. इतना ही नहीं उन्होंने सरकार को 19 दिसंबर का अल्टीमेटम भी दिया है।
वहीं, सरकार लगातार संगठनों से कानूनों में किए गए संशोधनों को मानने की अपील कर रही है। पुलिस ने भी प्रदर्शन कर रहे किसानों को बड़े हाईवे और अन्य सड़कों को ब्लॉक करने से रोक दिया है. किसानों को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
नए कृषि कानूनों से नाराज किसानों का आंदोलन और तेज हो गया है। संयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने कहा 'कल सुबह 11 बजे से हजारों किसान राजस्थान के शाहजहांपुर से ट्रैक्टर मार्च करेंगे और जयपुर दिल्ली मुख्य सड़क को ब्लॉक करेंगे।
उन्होंने कहा हमारे राष्ट्रीय स्तर पर किए गए आह्वान के बाद हरियाणा के सभी टोल प्लाजा पर आज शुल्क नहीं वसूला जाएगा।
इसके अलावा किसान नेता गुरनाम सिंह चरुणी ने कहा 'पंजाब से आ रहीं किसानों की ट्रॉलियों को रोक लिया गया। हम सरकार से अपील करते हैं कि किसानों को दिल्ली आन दें।
उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार नहीं मानती है तो प्रदर्शन और तेज होगा। गुरनाम सिंह ने कहा अगर सरकार 19 दिसंबर से पहले हमारी मांगें नहीं मानती है तो हम गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस से ही उपवास शुरू कर देंगे।
पन्नू ने कहा कि हम 14 दिसंबर को पूरे देश में डीसी दफ्तरों पर प्रदर्शन करेंगे। 14 दिसंबर को हमारे प्रतिनिधि सुबह 8 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक उपवास करेंगे।
दिल्ली से आगरा और जयपुर के हाईवे को ब्लॉक करने से रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। कुछ किसानों को आगरा एक्सप्रेस वे पर हिरासत में लिया गया है जबकि, कुछ किसान समूहों ने कम से कम 2 टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया है और गाड़ियों को बिना पैसा चुकाए जाने दे रहे हैं।
किसान गाजिपुर की सर्विस लेन पर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा था कि इन प्रदर्शनों को माओवादियों ने हाईजैक कर लिया है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को आश्वासन दिया है कि बदलावों से उनकी कमाई बढ़ेगी।
शनिवार को उन्होंने कहा ये बदलाव कृषि क्षेत्रों में निवेशों को लाने में मदद करेंगे और किसानों के लिए फायदेमंद होंगे। सरकार की तरफ से किए गए बदलावों का मकसद किसानों को समृद्ध बनाना है। जब किसान समृद्ध होंगे तो देश समृद्ध होगा।