न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 23-07-2021
कोरोना वायरस के असर को कम करने के लिए वैक्सीन के अलावा खाने वाली दो दवाएं जल्द ही मरीजों के लिए उपलब्ध होंगी। ये दोनों दवाएं वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के सहयोग से अलग-अलग संस्थान और दवा बनाने वाली कंपनियों के साथ मिलकर बनाई जा रही रही हैं।
इन दोनों दवाओं के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल भी पूरे हो चुके हैं। केंद्र सरकार को अनुमान है कि अगले कुछ महीनों में कोविड के रोगियों को यह दवाएं उपलब्ध करवा दी जाएंगी। कोरोना के मरीजों के लिए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद ने ओरल मेडिसिन उमीफेनोविर विकसित की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और सीएसआईआर के वैज्ञानिकों के मुताबिक इस दवा का क्लिनिकल ट्रायल भी पूरा हो चुका है। हालांकि वैज्ञानिकों का दावा है ट्रायल की कुछ औपचारिकताएं अभी बाकी है।
इस दवा को जैसे ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से इमरजेंसी में इस्तेमाल की अनुमति मिलेगी बाजार में लांच कर दिया जाएगा। इस दवा के अलावा सीएसआईआर और एनआईआईएसटी ने मिलकर बाजार में पहले से मौजूद एंटीवायरल दवा मोलानुपिरवीर की एक नई तकनीक विकसित की है।
सीएसआईआर और एनआईआईएसटी के साथ मिलकर कोरोना के मरीजों के लिए तैयार की गई दवा को बनाने वाली कंपनी ऑप्टिमस फार्मा मेडिसिन को बाजार में लॉन्च करने के लिए पूरी तैयारी के साथ जुट गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एवं रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल कर लिया गया है। दवा बनाने वाली कंपनी ऑप्टिमस फार्मा के बयान के मुताबिक, जो क्लीनिकल ट्रायल हुए हैं वह बहुत ही सकारात्मक हैं।
ट्रायल के दौरान जिन मरीजों को यह दवा दी गई उनमें सामान्य कोरोना के मरीजों की तुलना में न सिर्फ मृत्यु दर में कमी आई बल्कि अस्पताल में दाखिल होने की परिस्थितियां भी बहुत कम बनी। इस दवा को इमरजेंसी में इस्तेमाल करने के लिए दवा बनाने वाली कंपनी ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के कार्यालय में आवेदन किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक जैसे ही ये दोनों दवाएं बाजार में आ जाएंगी मरीजों के लिए निश्चित तौर पर बहुत राहत भरी दवा उपलब्ध होगी। इससे पहले डीआरडीओ ने अपनी 'टू डीजी दवा' को भी मरीजों के लिए अस्पतालों के माध्यम से उपलब्ध करवाया था।