यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 30-01-2022
हिमाचल प्रदेश की भाजपा की सरकार बल्ह में हवाई अड्डा बनाने के लिए पूरी तरह से जोर लगा रही है। मुख्यमंत्री इस हवाई अड्डा को अपना एक ड्रीम प्रोजेक्ट मान कर इसे हर हाल में पूरा करना चाहते हैं।
सीपीआईएम हिमाचल के सचिव डा. ओंकार शाद ने बताया कि हवाई अड्डा बनना चाहिए प्रदेश के सभी लोग इस का समर्थन करते हैं, परन्तु हवाई अड्डा किस जगह पर बनना चाहिए इस के ऊपर सभी का एक ही विचार होगा कि हवाई अड्डा उस जगह पर बनना चाहिए जहां पर उपजाऊ भूमि ज्यादा ना लगे , क्योंकि हिमाचल प्रदेश में कृषि के लिए सिर्फ 11 प्रतिशत ही जमीन है, सेटेलाइट चित्र के अनुसार यह जमीन 16 प्रतिशत है।
एक लाख बीघा कृषि जमीन हिमाचल प्रदेश की हाइडल प्रोजेक्ट्स के लिए खत्म हुई है। आज भी उजड़े लोग दर दर की ठोकरे खा रहे हैं उन्हें अभी भी अपने जमीन का पुरा मुआबजा नही मिला है।
हिमाचल प्रदेश अनाज में आत्म निर्भर नहीं है, हम बाहर से अनाज आपूर्ति करता हैं इस हालत में प्रदेश सरकार बल्ह जो मिनी पंजाब के नाम से जाना जाता है। बल्ह पर हवाई अड्डा बनाने के लिए लोंगो को उजाड़ कर हवाई अड्डा बनाना चाहती है, देश का भूमि अधिग्रहण कानून 2013 भी 3 फसलों बाली जमीन अधिग्रहण करने का की इजाजत नहीं देता है।
इस हवाई अड्डा के लिए 12 गांव के 2000 परिवारों के 10000 लोग पूरी तरह से उजड़ जाएंगे, 2000 के करीब प्रवासी श्रमिक भी उजड़ जाएंगे। इस जमीन पर लोग एक साल में तीन नकदी फसलों को उगाते हैं और अपना रोजगार कमाते हैं इस तरह की जमीन प्रदेश में बहुत कम है, हवाई अड्डा ऐसी जगह बनाना क्या सही है।
सीपीआईएम इस लिये बल्ह में हवाई अड्डे का विरोध करती है तथा इसको दूसरी जगह मंडी में बताया जाए इसके लिए कई विकल्प है। कांगड़ा का गगल हवाई अड्डा भी अमृतसर हवाई अड्डा के साथ बिक रहा है , तो क्या बल्ह हवाई अड्डा भी किसानों की जमीन ले कर उन्हें उजाड़ कर फिर पूँजी पतियों को ही दिया जाएगा।
सीआईपीएम इसका विरोध करती है और लोंगो से अपील करती है की इसका एकता के साथ मिल कर विरोध करो व अपनी जमीनों की रक्षा करो। सीपीएम इस का पूरा समर्थन करेगी।