छात्रों के लिए वरदान साबित हो रहा ऊना सुपर-50 , निशुल्क कोचिंग से पांच का हुआ एनआईटी में चयन 

जिला प्रशासन की पहल की हुई सराहना, प्रतिष्ठित स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट का सिल्वर अवार्ड मिला

छात्रों के लिए वरदान साबित हो रहा ऊना सुपर-50 , निशुल्क कोचिंग से पांच का हुआ एनआईटी में चयन 
जिला प्रशासन की पहल की हुई सराहना, प्रतिष्ठित स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट का सिल्वर अवार्ड मिला
 
यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना  30-01-2022
 
प्रतिभावान को अगर उचित अवसर व मंच मिले, तो वह कामयाबी की नई इबारत लिख सकता है। ग्रामीण परिदृश्य से आकर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ऐसा ही मंच प्रदान कर उनके सपने साकार करने की राह दिखा रहा है, ऊना सुपर-50 कार्यक्रम। 
 
वर्ष 2019 में शुरू हुए ऊना सुपर-50 कार्यक्रम के प्रथम बैच से पांच विद्यार्थियों को इंजीनियर बनने का सपना पूरा हुआ है और उन्हें एनआईटी हमीरपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिला मिल चुका है। ऊना सुपर-50 कार्यक्रम की दिखाई राह और दो वर्ष की कड़ी मेहनत से यह पांच बच्चे एनआईटी हमीरपुर में यह बच्चे अपनी जगह बना चुके हैं।
 
मुबारकपुर के रहने वाले सिद्धांत सडियाल को एनआईटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग, मरवाड़ी निवासी स्वास्तिक शर्मा को सिविल इंजीनियरिंग , झलेड़ा निवासी तनवी तथा पनसाई निवासी शानू ठाकुर को इंजीनियरिंग फिजिक्स व मलाहत निवासी कंचन को इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन में दाखिला मिला है। न सिर्फ विद्यार्थी बल्कि उनके परिजन भी अपने बच्चों की कामयाबी पर प्रफुल्लित हैं।
 
 एनआईटी में दाखिला मिलने के बाद कंचन बताती हैं कि बिना निःशुल्क कोचिंग के इतने अच्छे अंक प्राप्त करना संभव नहीं था। आज इंजीनियर बनने का सपना पूरा हो रहा है, जिसके लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद देती हूं। ऊना सुपर-50 ने एक बहुत बड़ा मंच प्रदान किया है, जिससे जरिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में प्रवेश पाकर करियर बनाने का अवसर मिल सकता है। 
 
वहीं सिद्धांत बताते हैं कि ऊना सुपर-50 कार्यक्रम के तहत उन्हें दो वर्ष तक फ्री कोचिंग मिली, जिससे जेईई प्री और मेन में अच्छे अंक हासिल किए। अध्यापकों ने बड़े ही अच्छे तरीके से पढ़ाया और अच्छी कोचिंग हासिल करने के बाद एनआईटी हमीरपुर में सीट मिली है।
 
कार्यक्रम के एक अन्य सफल विद्यार्थी स्वास्तिक शर्मा ने बताया कि कोरोना संकट के चलते पढ़ाई में कई दिक्कतें आईं, लेकिन कड़ी मेहनत और जिला प्रशासन के सहयोग से यह मुकाम हासिल करने में कामयाब हुए हैं। 
 
जिला प्रशासन ऊना ने वर्ष 2019 में ऊना सुपर 50 के नाम से एक अनूठी पहल की शुरूआत की गई थी, जिसके अंतर्गत जिला ऊना के पिछडे़ व दूर-दराज़ इलाकों के विद्यार्थियों को दो वर्ष तक निशुल्क कोचिंग प्रदान की जाती है, ताकि प्रतिस्पर्धा के दौर में वह पिछड़ न जाएं।
 
 जिलाधीश ऊना राघव शर्मा कहते हैं कि ऊना सुपर-50 के लिए विद्यार्थियों का चयन डाइट ऊना के माध्यम से एक प्रतियोगी परीक्षा से किया जाता है तथा मेरिट में टॉप पर आने वाले पचास बच्चों को दो वर्ष के लिए फ्री कोचिंग प्रदान की जाती है।
 
बच्चों को कोचिंग प्रदान करने के लिए एक अग्रणी कोचिंग संस्थान के अध्यापकों की सेवाएं ली जा रही हैं, जो विद्यार्थियों की पढ़ाई में हर प्रकार से मदद करते हैं और पाठ्य सामग्री व ऑनलाइन कंटेंट भी उपलब्ध करवाते हैं।
 
ऊना सुपर-50 की सफलता को देखते हुए प्रतिष्ठित स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट का सिल्वर अवार्ड प्राप्त हुआ है। वर्ष 2019 में ऊना सुपर-50 कार्यक्रम की शुरुआत के प्रथम वर्ष में इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी ही करवाई जाती थी , लेकिन वर्ष 2020 के बाद विद्यार्थियों को मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग भी दी जा रही है।
 
इस बारे में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि ऊना सुपर-50 कार्यक्रम के शुरूआती परिणाम संतोषजनक हैं और हम उम्मीद करते हैं कि फ्री कोचिंग का लाभ उठाकर बच्चे आने वाले समय में आईआईटी जैसे बड़े संस्थानों में भी प्रवेश पाएंगे।
 
मेडिकल की कोचिंग ले रहे विद्यार्थियों से भी अच्छे परिणाम की आशा है। उन्होंने एनआईटी में प्रवेश पाने वाले सभी विद्यार्थियों को उनकी उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दी।