आगामी चुनाव में राजनीतिक दलों और हाटियों के बीच होगी आर-पार की जंग : हाटी समिति....

राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ आगामी चुनाव में क्षेत्र की 144 पंचायतें दिखाएगी दम, समिति ने देश के प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन

आगामी चुनाव में   राजनीतिक दलों और हाटियों के बीच होगी आर-पार की जंग : हाटी समिति....
यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन   22-12-2021
 
जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर हाटी समिति लगातार आवाज बुलंद करती आई है। लेकिन सुनवाई ना होने के चलते हाटी समिति समेत अब स्थानीय लोगों में रोष पनपा है।
 
हाटी समिति ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द उनकी मांगों पर सुनवाई न हुई तो आगामी चुनाव में गिरिपार क्षेत्र की 144 पंचायतें अपना दम दिखाएगी। हाटी समिति नाहन इकाई के अध्यक्ष सीताराम तोमर ने कहा कि गिरिपार क्षेत्र को जनजाति क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर पिछले 50 सालों से हाटी केंद्रीय समिति मांग उठा रही है।
 
उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर को गिरिपार क्षेत्र की 144 पंचायतों की संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें आगामी रणनीति बनाई जाएगी। अपनी मांगों के समर्थन में आज एक ज्ञापन डीसी सिरमौर के मार्फत देश के प्रधानमंत्री को भेजा जा रहा है।
 
उन्होंने बताया की भारत सरकार ने अब तक जो भी आपत्तियां लगी है सभी को पूरा कर रिपोर्ट प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को भेजी हैं। लेकिन बावजूद इसके भी आज तक उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई है ।
 
केंद्रीय हाटी समिति के सदस्य सुरेन्द्र हिंदुस्तानी ने कहा कि गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी केंद्रीय समिति का प्रतिनिधिमंडल मिल चुका है।
 
इसके अलावा देश के रक्षा मंत्री व पूर्व में गृह मंत्री रहे राजनाथ सिंह ने 2014 में चुनावी रैली के दौरान चौगान मैदान से चुनावी रैली के दौरान गिरिपार क्षेत्र को जनजाति क्षेत्र घोषित करने की घोषणा की थी लेकिन बावजूद इन सब के भी आज तक गिरिपार क्षेत्र के लाखों लोगों की मांग पूरी नहीं हो पाई है।  
 
केंद्र सरकार द्वारा जो भी आपत्तियां लगाई गई वह समय.समय पर प्रदेश सरकार के माध्यम से केंद्र को प्रेषित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लाखों लोगों का अब सब्र का बांध टूट चुका है अगर क्षेत्र की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो क्षेत्र की 144 पंचायतों के लाखों लोग आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव में अपना दम दिखाएंगे। और राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे। उन्होंने कहा कि अब गांधी नीति छोड़कर सुभाष चंद्र बोस व चंद्रशेखर आजाद के रास्ते पर चलेंगे।