सन्नी वर्मा - हरिद्वार 05-07-2022
चेकपोस्ट से होकर ठिकाने लगाया जा रहा है। सूरज ढलते ही खनन का गोरखधंधा शुरू हो जाता है, जिसकी खबर क्षेत्रिय पुलिस से लेकर सम्बंधित विभाग तक को है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर ऊंट के मुँह में जीरा वाली कहावत दिखाई पड़ रही है।
कुछ जगहों पर तो बाकायदा खनन वाहनों की एंट्री तक होती है जिसके बाद सड़को पर खनन से लदे ओवरलोड वाहन दौड़ते दिखाई पड़ते है। बहादराबाद क्षेत्र के अलावा अन्य खनन क्षेत्रो में ये सफेद सोने का काला कारोबार खूब फलफूल रहा है। सूत्र बताते है कि बहदराबाद थाना के शांतरशाह चौकी क्षेत्र में दर्जनों ट्रैक्टर ट्रालियों से खनन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।
शाम होते ही खनन माफिया ट्रैक्टरों से अवैध खनन के काम को अंजाम देते है और बेखौफ होकर सड़को पर दौड़ते है, ये कारगुजारी स्थानीय पुलिस से छिपी नही है। सूत्र तो यहां तक बताते है कि खनन के खेल में क्षेत्रीय पुलिस की भूमिका पूरी तरह से सन्दिग्ध है।
आलाअधिकारियों तक बात ना पहुँचे इसके लिए क्षेत्रीय पुलिस पूरे प्रोपगंडे को अपने स्तर तक ही सीमित रखती है, कुछ बुद्धिजीवियों के सानिध्य में चल रहे इस गोरखधंधे का खले बड़ा ही निराला है।
इसे कहते है आम के आम और गुठलियों के दाम, खनन करने वाले माफिया खूब चांदी काट रहे है और अपनी तिजोरियां भर रहे है, वही चलती गंगा में सुरक्षा कर्मियों से लेकर बुद्धिजीवियों तक की डुबकी लगाने चर्चाओं का विषय बना हुआ है।