चार दशक के बाद गर्भगृह में विराजमान हुए महासू देवता , देव समारोह में उमड़ा आस्था का सैलाब
सिरमौर , शिमला और जौनसार बाबर के लोगों के कुलदेवता चालदा महासू इन दिनों उत्तराखंड के जौनसार बाबर के प्रवास पर है। प्रवास यात्रा के के दौरान चलायमान चालदा महासू देवता 40 वर्षों के बाद उपमंडल शिलाई के साथ लगती जौनसार बाबर की जेठी खत पशगांव के दसऊ गांव में बने मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए। इस यात्रा में देवता के साथ 50 हजार से भी ज्यादा श्रद्धालु साथ
सिरमौर , शिमला और जौनसार बाबर के लोगों के कुलदेवता चालदा महासू इन दिनों उत्तराखंड के जौनसार बाबर के प्रवास पर है। प्रवास यात्रा के के दौरान चलायमान चालदा महासू देवता 40 वर्षों के बाद उपमंडल शिलाई के साथ लगती जौनसार बाबर की जेठी खत पशगांव के दसऊ गांव में बने मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए। इस यात्रा में देवता के साथ 50 हजार से भी ज्यादा श्रद्धालु साथ रहे। दसऊ गांव में चालदा महासू देवता करीब दो साल से अधिक समय के लिए विराजमान रहेंगे। देवता 18 माह पूर्व चकराता के समीप समाल्टा गांव पहुंचे थे। समाल्टा गांव के ग्रामीणों ने देवता की 18 माह अपने गांव में पूजा करवाई तथा इस दौरान देवता के दर्शनों को वहां आए श्रद्धालुओं के लिए लगातार भंडारे की व्यवस्था बनाए रखी।