चार दशक के बाद गर्भगृह में विराजमान हुए महासू देवता , देव समारोह में उमड़ा आस्था का सैलाब 

सिरमौर , शिमला और जौनसार बाबर के लोगों के कुलदेवता चालदा महासू इन दिनों उत्तराखंड के जौनसार बाबर के प्रवास पर है। प्रवास यात्रा के के दौरान चलायमान चालदा महासू देवता 40 वर्षों के बाद उपमंडल शिलाई के साथ लगती जौनसार बाबर की जेठी खत पशगांव के दसऊ गांव में बने मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए। इस यात्रा में देवता के साथ 50 हजार से भी ज्यादा श्रद्धालु साथ

चार दशक के बाद गर्भगृह में विराजमान हुए महासू देवता , देव समारोह में उमड़ा आस्था का सैलाब 
 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिलाई   04-05-2023 

सिरमौर , शिमला और जौनसार बाबर के लोगों के कुलदेवता चालदा महासू इन दिनों उत्तराखंड के जौनसार बाबर के प्रवास पर है। प्रवास यात्रा के के दौरान चलायमान चालदा महासू देवता 40 वर्षों के बाद उपमंडल शिलाई के साथ लगती जौनसार बाबर की जेठी खत पशगांव के दसऊ गांव में बने मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए। इस यात्रा में देवता के साथ 50 हजार से भी ज्यादा श्रद्धालु साथ रहे। दसऊ गांव में चालदा महासू देवता करीब दो साल से अधिक समय के लिए विराजमान रहेंगे। देवता 18 माह पूर्व चकराता के समीप समाल्टा गांव पहुंचे थे। समाल्टा गांव के ग्रामीणों ने देवता की 18 माह अपने गांव में पूजा करवाई तथा इस दौरान देवता के दर्शनों को वहां आए श्रद्धालुओं के लिए लगातार भंडारे की व्यवस्था बनाए रखी। 
 
 
प्रवास पूरा होने पर बीते 28 अप्रैल को चालदा महाराज दसऊ के लिए निकल पड़े जहां रास्ते में दो दिनों के लिए महाराज का खत बमटाड़ के नराया गांव दो दिनों का बागड़ी प्रवास रहा। बमटाड़ के लोगों ने बागड़ी के दौरान देवता की पूजा-अर्चना की तथा दो दिनों के लिए अविराम भंडारे की व्यवस्था की। खत बमटाड़ में वहां की युवतियों व महिलाओं ने देवता को करीब 12 किलो चांदी के छत्र , डोरिये व अन्य देव पूजा सामग्री भेंट की। देवता ने सभी को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। सोमवार दोपहर देवता दसऊ की यात्रा पर निकल पड़े। 
 
 
फेढुलानी , गोहाना , भेवना, कलेथा होते हुए हाजा गांव पहुंचे। हाजा के ग्रामीण देवता को दर्शनों हेतु गांव में ले गए तथा सभी श्रद्धालुओं को जलपान की व्यवस्था करवाई। उसके बाद दसऊ गांव की यात्रा आरंभ हुई। देवता दसऊ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हुए। पूरे दिन मूसलाधार बारिश में करीब 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की आस्था बारिश भी कम नहीं कर पाई। श्रद्धालु देव यात्रा में देवता के साथ चलते रहे। देवता दसऊ पहुंचने के बाद देवता की पूजा अर्चना की गई। उसके बाद देव धाम आरंभ हुई। देव धाम के अविराम भंडारे में करीब 50 हजार से अधिक लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। 
 
 
14 गांव दसऊ खत के बजीर व सदर सियाणा शूरवीर सिंह चौहान, मेलोत के बजीर मातवर सिंह तोमर ने बताया कि चलायमान चालदा महासू देवता उनके खत में 40 वर्ष बाद आए हैं। इससे पूर्व महाराज 1983 में यहां आए थे। देवता कम से कम दो वर्ष तक दसऊ में विराजमान रहेंगे। आने वाले श्रद्धालुओं के भंडारे की की व्यवस्था रहेगी। इस यात्रा में उपमंडल शिलाई, जिला शिमला के कुपवी, जुब्बल, नेरवा, चौपाल, उत्तरकाशी, उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड व जौनसार के करीब 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने इस पुण्य पर्व में भाग लिया।