बिना टेट के नहीं बन सकेंगे शिक्षक, नई शिक्षा नीति में किया बड़ा प्रावधान
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 26-08-2020
नई शिक्षा नीति के लागू होते ही शिक्षक बनने के लिए टेट (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) पास करना अनिवार्य हो जाएगा। केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति में यह प्रावधान किया है। स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए सिर्फ टेट पास ही आवेदन कर सकेंगे।
हिमाचल में अभी तक जेबीटी और टीजीटी बनने के लिए टेट पास होना जरूरी था, लेकिन नई नीति लागू होने के बाद स्कूल प्रवक्ता न्यू के लिए भी यह नियम लागू होगा। हिमाचल में जेबीटी और टीजीटी की भर्ती अभी कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से होती है।
स्कूल प्रवक्ता न्यू की भर्ती लोकसेवा आयोग करता है। टेट का आयोजन स्कूल शिक्षा बोर्ड करता है। नई नीति लागू होने के बाद स्कूल शिक्षा बोर्ड का काम बढ़ जाएगा। टेट देने वालों की संख्या बढ़ जाएगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टेट को अनिवार्य करने से शिक्षा में गुणवत्ता आएगी।
शिक्षक बनने से पहले अभ्यर्थियों को दो परीक्षाएं पास करना जरूरी होगा। नई शिक्षा नीति के तहत डीएलएड का सिलेबस भी बदला जाएगा। सरकार ने जेबीटी बनने के लिए डीएलएड की परीक्षा पास करना जरूरी किया है। समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशालय को डीएलएड के सिलेबस में बदलाव करने के लिए कहा गया है।
इनके सिलेबस में प्री प्राइमरी, आईटी, संस्कृत और वोकेशनल शिक्षा से संबंधित पढ़ाई भी शामिल की जाएगी। सरकार का तर्क है कि तीसरी कक्षा से संस्कृत शुरू होने और छठी कक्षा से वोकेशनल और आईटी शिक्षा शुरू होने पर शिक्षकों की पढ़ाई में भी बदलाव करना जरूरी है।
शिक्षा सचिव राजीव शर्मा से आदेश प्राप्त होने के बाद समग्र शिक्षा अभियान के निदेशालय ने सिलेबस में बदलाव करने की कवायद शुरू कर दी है।