चरमराती स्वास्थ्य सुविधाओं के खिलाफ PIL दायर, समाजसेवी और बिजनेसमैन ने दायर की PIL
यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन 13-05-2021
डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में चरमराती स्वास्थ्य सुविधाओं के खिलाफ एक समाजसेवी ने उच्च न्यायालय में पीआईएल दायर की है। पीआईएल में कोरोना काल के दौरान लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने का हवाला दिया है। जिसकी सुनवाई 17 मई को माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश करेंगे।
मीडिया से बात करते हुए समाजसेवी आशुतोष गुप्ता( याचिकाकर्ता) ने बताया कि पिछले 1 वर्ष से डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराई हुई है।
लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने के चलते उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है ताकि लोगों को सही मायने में स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके और इस कोरोना कल में लोग अपना इलाज आसानी से करवा सकें। उन्होंने बताया कि यूं तो हर रोज याचिका पर सुनवाई हो रही है परंतु 17 मई को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष याचिका की सुनवाई होगी।
उन्होंने बताया कि गत वर्ष नाहन मेडिकल कॉलेज को करीब दो दर्जन वेंटिलेटर सरकार से मिले थे जो 10 महीनों में भी इंस्टॉल नहीं किए इसके अलावा मेडिकल कॉलेज नाहन को केंद्र सरकार द्वारा पीएसए ऑक्सीजन प्लांट भी मिला है जो अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
जिसके कारण लोगों को ऑक्सीजन के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है। साथ ही मेडिकल कॉलेज में बनाए गए कोविड आइसोलेशन वार्ड में भी मरीजों को वह सुविधाएं नहीं दी जा रही है जो कोरोना के मरीजों को मिलनी चाहिए।
दरअसल मई माह के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सिरमौर दौरे के दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों ने कोविड आइसोलेशन वार्ड में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोली दी थी।
मुख्यमंत्री ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यहां 110 बिस्तरों का कॉविड डेडीकेटेड अस्पताल बनाने के निर्देश भी जारी किए थे। जिस पर याचिका दायर करने के बाद माननीय उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप पर कार्य शुरू हो गया है। वर्तमान में यहां करीब 60 कोविड डेडिकेटेड बैड तैयार हो चुके हैं साथ ही करीब आधा दर्जन वेंटिलेटर भी इंस्टॉल कर दिए हैं।