हिमाचल प्रदेश में पौने दो लाख से ज्यादा नियमित कर्मचारी
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 26-03-2021
हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार अपने कर्मचारियों को पंजाब सरकार के छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर नया वेतनमान देने की तैयारी में है। अगले चुनावी वर्ष को देखते हुए सरकार पर इसे इसी साल देने का दबाव है। ऐसे में इसे आगे टालना भी कर्मचारियों की नाराजगी को मोल लेना होगा। एक अनुमान के अनुसार सरकार पर इससे एक साथ 3000 करोड़ रुपये या इससे अधिक का आर्थिक बोझ पड़ सकता है।
प्रदेश सरकार वेतनमान देने के मामले में पंजाब सरकार का अनुसरण करती है। अब पंजाब सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन देने का निर्णय लिया है। इसलिए प्रदेश सरकार पर भी इसे देेने की बाध्यता होगी। राज्य में चुनाव के बारे मेें एक धारणा है कि यहां के कर्मचारी जिस तरफ हो लेते हैं, उसी दल की सरकार बनती है।
ऐेसे में कोई भी सत्तासीन सरकार कर्मचारियों को नाराज करने का जोखिम नहीं उठाती। अगर इस साल यानी एक अप्रैल से शुरू होने जा रहे नए वित्तीय वर्ष की जगह सरकार इसे अगले वित्त वर्ष के लिए टाल देती है तो भी अगले साल एरियर देने का दबाव होगा। छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के मामले में सीएम जयराम ठाकुर की अधिकारियों से कई दौर की मंत्रणा हो चुकी है।
गोर हो कि हिमाचल प्रदेश में पौने दो लाख से ज्यादा नियमित कर्मचारी हैं, जबकि करीब 25 हजार अनुबंध कर्मचारी हैं। हिमाचल पर 60 हजार करोड़ से ऊपर का कर्ज वर्तमान में राज्य पर करीब 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक कर्ज हो गया है। राज्य में इस बार कुल बजट का 25.31 प्रतिशत कर्मचारियों के वेतन पर खर्च किया जाना है तो स्वाभाविक है कि यह प्रतिशतता और बढ़ेगी।