जबरन धर्मांतरण पर होगा एक लाख जुर्माना , अब बार बार पास नहीं करवाना होगा भवन निर्माण का नक्शा

हिमाचल प्रदेश में अब एक बार भवन निर्माण के लिए नक्शा पास करवाने के बाद हमेशा के लिए मान्य होगा। नक्शा पास करवाने के बाद अब कभी भी भवन का निर्माण किया जा सकेगा। इनमें व्यावसायिक भवनों के नक्शे भी शामिल होंगे

जबरन धर्मांतरण पर होगा एक लाख जुर्माना , अब बार बार पास नहीं करवाना होगा भवन निर्माण का नक्शा

 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  11-08-2022

 

हिमाचल प्रदेश में अब एक बार भवन निर्माण के लिए नक्शा पास करवाने के बाद हमेशा के लिए मान्य होगा। नक्शा पास करवाने के बाद अब कभी भी भवन का निर्माण किया जा सकेगा। इनमें व्यावसायिक भवनों के नक्शे भी शामिल होंगे। इसके अलावा अब जबरन धर्मांतरण पर एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान होगा। बुधवार को विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में दोनों संशोधन विधेयकों के ड्राफ्ट को मंजूरी दी गई। 

 

ड्राफ्ट इस मानसून सत्र में ही सदन में पेश होंगे। सरकार कर्ज लेने की सीमा भी बढ़ाने जा रही है। इसके लिए राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) विधेयक के ड्राफ्ट को भी स्वीकृति दी गई है। इस संशोधन विधेयक को भी इसी सत्र में पेश किया जाएगा। बैठक में टीसीपी संशोधन विधेयक 2022 की धारा-34 में संशोधन करने पर सहमति बनी है। हालांकि नगर निगम शिमला के लिए पहले ही वर्ष 2007 में इस विधेयक की धारा-34 में संशोधन कर दिया था।

 

 टीसीपी में यह प्रक्रिया चल रही थी। पहले नक्शा पास करने के तीन साल के अंदर भवन निर्माण करना होता है। अगर इस अवधि में काम नहीं होता है तो लोगों को अवधि बढ़ाने के लिए टीसीपी में आवेदन करना होता है। तीन साल के बाद दो बार (साल दर साल) आवेदन करने होते थे। यह प्रक्रिया पांच साल तक चलती थी, लेकिन अब एक बार नक्शा पास होने के बाद वह हमेशा के लिए स्वीकृत माना जाएगा। 

 

गैरकानूनी धर्मांतरण के खिलाफ हिमाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता विधेयक 2019 में राज्य विधानसभा में पारित किया था। इसमें अधिकतम सात साल तक की सजा का प्रावधान तो था, लेकिन जुर्माने का प्रावधान नहीं था। अब 50 हजार रुपये और एक लाख रुपये के अलग-अलग अपराध जुर्माने की राशि को भी इसमें दर्ज किया जा रहा है। मंत्रिमंडल की बैठक में पीरियड आधारित एसएमसी शिक्षकों को कैजुअल और मेडिकल लीव देने का एजेंडा फिर आगे टाला गया। इसका कारण शिक्षा सचिव के शिमला से बाहर होना बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने करीब दो सप्ताह पहले घोषणा की थी कि इस मुद्दे को अगली कैबिनेट में ले जाएंगे। 

 

इस बीच दूसरी कैबिनेट बैठक हो गई है, लेकिन यह मुद्दा फिर आगे टल गया। इन शिक्षकों के लिए अवकाश की कोई व्यवस्था नहीं है। हिमाचल में धारा-118 के तहत खरीदी जमीन में निर्माण अवधि बढ़ाई जाएगी। अभी तक धारा-118 में खरीदी जमीन में मकान या उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार ने दो साल की अवधि निर्धारित की थी। इसके बाद सरकार एक साल का समय और देती थी। इस तरह से निर्माण कार्य तीन साल में पूरा करना पड़ता था। 

 

सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार धारा-118 में मानसून सत्र के दौरान 13 अगस्त को इस संबंध में संशोधन विधेयक लाने की तैयारी में है। इस संशोधन विधेयक में सरकार भूमि मालिकों को निर्माण के लिए तीन साल का समय देगी। इस दौरान अगर जमीन में निर्माण नहीं होगा तो दो साल की अवधि बढ़ाने की मंजूरी दी जा सकेगी।