जिला सिरमौर में विश्व पर्यावरण दिवस की धूम , स्कूलों के अन्य संस्थानों में किउए कार्यक्रम पढ़िए पूरी रिपोर्ट
इस साल का का शीर्षक पॉलीथिन मारो के मुताबिक ही विद्यालय के प्रधानाचार्य , अध्यापकों के एक छात्रों ने विद्यालय परिसर के चारों तरफ तथा मुख्य बाजार एवं गांव से पॉलिथीन हटाओ मुहिम चलाई। इस अवसर पर बच्चों ने प्लास्टिक का जीरो प्रयोग करने की शपथ ली। विद्यालय के प्रधानाचार्य जोगीराम कन्याल ने इस विद्यालय में भी अपने पूर्व के विद्यालयों की तरह प्लास्टिक के खिलाफ जंग छेड़ी है। कई बार जिला स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त प्रधानाचार्य ने अध्यापकों एवं विद्यार्थियों के साथ प्लास्टिक हटाओ मुहिम के तहत इस विद्यालय एवं समीप के गांव में पौधारोपण तथा स्वच्छता हेतु अपनी सक्रियता को और धार देते हुए कहा कि अब प्लास्टिक प्रलय आने वाली है। प्लास्टिक हमारी हवा पानी एवं मिट्टी में तेजी से खुल रहा है और यहां से हमारे शरीर में प्रवेश कर रहा है। माइक्रो प्लास्टिक प्रदूषण से बिगड़ते हालात पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में हर भारतीय ने 20 किलोग्राम प्लास्टिक पैदा किया।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बनकला जिला सिरमौर प्लास्टिक प्रदूषण , पारिस्थितिकी तंत्र बहाली के तहत विश्व पर्यावरण दिवस की धूम रही। इस अवसर पर विद्यालय में भाषण ,रेखन व रंजन कला और कविता कोश प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया प्रतियोगिताओं में अव्वल रहने वाले बच्चों को विद्यालय प्रमुख द्वारा पुरस्कार वितरित किए गए तत्पश्चात राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम के प्रभारी हरदेव के नेतृत्व में बच्चों ने विद्यालय परिसर को संवारा विद्यालय प्रमुख प्रीति तंवर की अध्यक्षता में पौधारोपण किया गया और प्रधानाचार्य ने बच्चों को बताया कि पर्यावरण का संरक्षण हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है।
कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर परिसर में अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में जागरूकता शिविर के अवसर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया जिसमें जिला की 68 महिला किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर महिला किसानों को प्रतिबंधित प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में उनकी भूमिका के संदर्भ में जागरूक किया गया ताकि वह प्रकृति के सरंक्षण में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकें। उन्हें उन्नत एवं स्थानीय बीजों के महत्व और उनके सरंक्षण के विषय में भी जानकारी प्रदान की गई।इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक व विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज मित्तल ने बताया कि पर्वतीय प्रदेश होने के कारण पर्यावरण संरक्षण सभी का संयुक्त दायित्व है और 5 जून को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किए जाने वाले इस दिन का विशेष महत्व है ताकि पर्यावरण और प्रकृति को बचाया जा सके। इस अवसर पर डॉ सौरव शर्मा, विशेषज्ञ सस्य विज्ञान व प्रभारी वैज्ञानिक प्रदर्शनी एवं बीज उत्पादन फार्म ने बताया कि फसल के उत्पादन में बीजों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि बीज से ही गुणवत्तापूर्ण फसल प्राप्त होती है जो उनकी आमदनी एवं आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाती है।इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ प्रसार विशेषज्ञ, गृह विज्ञान संगीता अत्री, विशेषज्ञ मौसम विज्ञान, डा० भीम पारीक भी उपस्थित थे और उन्होंने भी महिला किसानों से गृह विज्ञान और मौसम से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।