यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू 13-09-2021
एक तरफ तो सरकार राज्य के लोगों को सड़क , स्वास्थ्य और पेलजल जेजी मूलभूत सुविधाएं देने की बात करती है दूसरी और हिमाचल के कुछ ग्रामीण इलाके आज भी सड़क से कोसों दूर है।
देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है , लेकिन कुल्लू जिले की सैंज घाटी के ग्रामीणों को अभी तक मूलभूत सुविधाएं नसीब नहीं हुई हैं। घाटी की ग्राम पंचायत गाड़ापारली का एक भी गांव अभी तक सड़क से नहीं जुड़ पाया है।
सोमवार को पंचायत के मेल गांव की गर्भवती महिला मथुरा देवी को प्रसव पीड़ा के बीच डंडों पर कुर्सी बांधकर पैदल चलकर आठ किलोमीटर दूर निहारनी सड़क तक पहुंचाना पड़ा।
बरसात में संकरे रास्ते में महिला को ले जाने में छह घंटे लग गए। प्रसव पीड़ा अधिक होने के चलते प्रसव सड़क पर ही करवाना पड़ा। प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को उप स्वास्थ्य केंद्र सैंज ले जाया गया, जहां दोनों का स्वास्थ्य ठीक है।
ग्राम पंचायत प्रधान यमुना देवी ने कहा कि सोमवार को मथुरा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर डंडों पर उठाकर उपचार के लिए ले जाना पड़ा है। प्रशासन और सरकार से सड़क के निर्माण की मांग की जाती रही है लेकिन स्थिति जस की तस है।
उन्होंने कहा कि पिछले ढाई हफ्तों में तीन महिलाओं को उपचार के लिए उठाकर ले जाना पड़ा है।
गौरतलब है कि सड़क सुविधा न होने की वजह से ग्राम पंचायत गाड़ापारली की जनता की परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं। ग्रामीणों को राशन से लेकर निर्माण संबंधी आवश्यक सामग्री पीठ पर उठाकर पैदल 8 से 15 किलोमीटर सफर करना पड़ता है।
सबसे अधिक समस्या ग्रामीणों को किसी के बीमार होने पर आती है। ऊबड़-खाबड़ और फिसलन भरे रास्तों पर मरीज को सड़क तक पहुंचाना ग्रामीणों के लिए परेशानी बन जाता है।