तीन महीनो बाद खुले कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के ताले, सारा रिकार्ड कब्जे में लेगी एसआईटी 

प्रदेश सरकार द्वारा भंग किए गए कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के ताले लंबे समय के बाद गुुरुवार को खोले गए। हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अनुपम ठाकुर को यहां पर ओएसडी नियुक्त

तीन महीनो बाद खुले कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के ताले, सारा रिकार्ड कब्जे में लेगी एसआईटी 

यंगवर्ता न्यूज़ - हमीरपुर     23-03-2023

प्रदेश सरकार द्वारा भंग किए गए कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के ताले लंबे समय के बाद गुुरुवार को खोले गए। हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अनुपम ठाकुर को यहां पर ओएसडी नियुक्त किया गया है। एसआईटी की तरफ से रिकार्ड मांगे जाने के बाद सरकार से अनुमति मिलने पर ओएसडी ने आयोग के चुनिंदा कर्मचारियों को साथ लेकर रिकार्ड को खंगाला है। 

बताया जा रहा है कि इस रिकार्ड को जल्द ही एसआईटी को सौंपा जाएगा। पिछले कुछ दिनों से रिकार्ड न मिलने की वजह से विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में जांच आगे नहीं बढ़ पा रही थी। अब लंबे समय बाद आयोग के ताले खुलने के बाद जांच में तेजी आने की उम्मीद है। सुबह 10 बजे के करीब गुरुवार को ओएसडी अनुपम ठाकुर की मौजूदगी में भारी पुलिस बल की तैनाती आयोग के ताले खोले गए, इसके बाद घंटों तक यहां पर रिकार्ड को खंगाला गया। 

गौरतलब है कि 23 दिसंबर, 2022 को कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में पेपर लीक प्रकरण सामने आया था। आयोग के गोपनीय शाखा में तैनात महिला कर्मचारी उमा आजाद इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया था। इस मामले में अलग-अलग पोस्ट कोड में 5 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। हाल ही में पोस्टकोड 819 ट्रैफिक इंस्पेक्टर की भर्ती परीक्षा में भी एफआईआर दर्ज हुई है। 

इस भर्ती परीक्षा में भी पेपर लीक होने का खुलासा जांच में हुआ है। पांचवी एफआईआर में कुल चार लोगों को आरोपी बनाया गया है। आरोपी उमा आजाद उसके दोनों बेटे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि एक अन्य आरोपी अभ्यर्थी रवि कुमार को भी जल्द ही विजिलेंस की टीम गिरफ्तार कर सकती है। 

पेपर लीक प्रकरण में दर्ज पहली एफआईआर में कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर को भी आरोपी बनाया गया है उनसे विजिलेंस की टीम लगातार पूछताछ कर रही है हालांकि अभी तक पूर्व सचिव को गिरफ्तार नहीं किया गया है। आयोग के चपरासियों के खिलाफ ओएमआर शीट से टेंपरिंग करने पर भी केस दर्ज किया गया है। 

इस मामले में अब एक बार फिर आयोग के ताले खोलने के बाद जांच में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है। ओएसडी अनुपम ठाकुर का कहना है कि सरकार के निर्देशों के मुताबिक अनुमति मिलने पर आयोग कार्यालय में प्रवेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रवेश की अनुमति दी गई है, उनके साथ मिलकर रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा।