दरियादिली : कर्ज लेकर घी पीने वाली सरकार ने नहीं वसूला 437.17 करोड़ का टैक्स , कैग रिपोर्ट में हुआ खुलासा

दरियादिली : कर्ज लेकर घी पीने वाली सरकार ने नहीं वसूला 437.17 करोड़ का टैक्स , कैग रिपोर्ट में हुआ खुलासा

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 13-08-2021

हिमाचल प्रदेश में बेशक सरकारें धड़ाधड़ कर्ज लेती रही हों, लेकिन सरकारी महकमे ठीक से सरकार के धन की वसूली नहीं कर पाए हैं। हजारों करोड़ के कर्ज में डूबी सरकार ने 437.17 करोड़ रुपये का टैक्स और अन्य शुल्क ही नहीं वसूले। इसका खुलासा शुक्रवार को सदन के पटल पर रखी कैग रिपोर्ट में हुआ है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से पेश वर्ष 2018-19 की इस रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान बिक्री कर, मूल्य वर्धित कर, राज्य आबकारी, मोटर वाहन, यात्री एवं माल कर, वन प्राप्तियों, स्टांप शुल्क, टोकन कर, विशेष कर, रॉयल्टी की अल्प वसूली की गई। 1168 मामलों में समग्र 437.17 करोड़ रुपये कम वसूल किए गए। 

भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) रिपोर्ट के अनुसार बिक्री कर और मूल्य वर्द्धित कर के मामलों में विनिर्मित वस्तुओं की प्रकृति का उचित वर्गीकरण करने में निर्धारण प्राधिकारी की विफलता रही। कर की रियायती दर की अनुचित अनुमति दी गई, जिससे 2.42 करोड़ रुपये के कर का अवनिर्धारण हुआ। 1.67 करोड़ रुपये के ब्याज की भी वसूली नहीं हुई।

अधिकारियों ने 19 मामलों में अनुचित तरीके से कर की दर की अनुमति दी। इससे 3.87 करोड़ रुपये के कर का अल्प उद्ग्रहण किया। इसके अलावा 4.03 करोड़ रुपये के ब्याज को उद्गृहीत किया। अमान्य फार्म स्वीकृत किए जाने और अंतरराज्यीय बिक्री पर कर की रियायती दर की अनुमति देने से 1.43 करोड़ रुपये के टैक्स की अल्प वसूली हुई। 1.79 करोड़ रुपये का ब्याज भी नहीं लिया गया। 

राज्य आबकारी निर्धारण प्राधिकारियों ने 23 लाइसेंसधारियों से 82.32 करोड़ रुपये के कम जमा या लाइसेंस फीस की वसूली और लाइसेंस की दोबारा बिक्री के लिए न तो बिक्री केंद्र सील किए, न ही परमिट रद्द किए या निलंबित करने की कोई कार्रवाई की। 1130 बिक्री केंद्रों के लाइसेंसधारियों ने 62,87,807 प्रूफ लीटर कम शराब उठाई। इससे 20.28 करोड़ रुपये की अतिरिक्त फीस नहीं वसूली जा सकी।

कम कोटा उठाने पर भी 2.48 करोड़ रुपये की कर वसूली नहीं हो सकी। लाइसेंस फीस और बाटलिंग शुल्क के देरी से भुगतान पर 3.75 करोड़ रुपये की राशि के ब्याज की 134 बिक्री केंद्रों के लाइसेंसधारियों से विभाग ने मांग नहीं की, जिससे 3.75 करोड़ रुपये का ब्याज नहीं वसूला जा सका। 713 बिक्री मामलों में संपत्ति के बाजार मूल्य पर विचार नहीं किया गया।

भूमि की सर्किल दरों को भी नहीं जांचा। इससे राज्य को 10.56 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। विभाग ने संपत्ति के बाजार मूल्य का गलत निर्धारण किया। इससे 1.53 करोड़ रुपये के पट्टे किराया स्टांप शुल्क और पंजीयन फीस की अल्प वसूली की गई। वर्ष 2015-18 के लिए 21,107 वाहनों के बारे में 7.72 करोड़ रुपये के टोकन कर की विभाग ने वसूली नहीं की।

व्यावसायिक वाहन मालिकों ने वाहन पंजीकृत नहीं किए, जिससे यात्री और माल कर की 2.38 करोड़ रुपये की धनराशि की वसूली नहीं हुई। 2016-17 से 2017-18 की अवधि में 1.97 करोड़ रुपये की धनराशि का यात्री एवं माल कर तो 2,472 व्यावसायिक मालिकों से विभाग ने वसूल नहीं किया। 31.70 करोड़ रुपये की वन प्राप्तियों की वसूली नहीं की गई।

इसे लकड़ी के दोहन और रेजिन ब्लेडों पर रॉयल्टी का दावा न करने, रॉयल्टी दरों में कटौती करने, रॉयल्टी के देरी से भुगतान पर ब्याज संग्रहण मेें विफल होने, चीड़ के वृक्षों की विश्वसनीय स्थायी सूची का रखरखाव नहीं करने और दोहन के पर्यवेक्षण में कमी और विस्तार फीस की वसूली नहीं की गई।