पूर्णिमा को समापन अवसर पर राज्यपाल करेंगे शिरकत
यंगवार्ता न्यूज़ - श्री रेणुका जी 13-11-2021
मां बेटे की मिलन के प्रतीक अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले का आज विधिवत आगाज हो गया । मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने परंपरा अनुसार देव पालकी को कंधा देकर सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मेले का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ददाहू स्कूल ग्राउंड से देवपालकियों को कंधा देकर देव पालकीयों को मेला स्थल के लिए रवाना किया। इस दौरान पारम्परिक ढोल नगाड़ो की धुनों पर भगवान परशुराम और माता रेणुका जी के जयकारों से पूरी रेणुका घाटी गूंज उठी।
मीडिया से बात करते हुए और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जिला व प्रदेश वासियों को अंतरराष्ट्रीय रेणुका जी मेले की बधाइयां दी और कहा कि रेणुका जी मेला एक ऐतिहासिक मेला है और कई वर्षों से इस मेले का आयोजन होता रहा है। उन्होंने कहा कि परंपरा अनुसार हर वर्ष रेणुका जी मेले का आयोजन किया जाता है उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि कोविड-19 से बाहर निकलते हुए अब इस तरह के आयोजन होना शुरू हो गए है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सांस्कृतिक मेले के आयोजन के लिए सरकार ने पूरे प्रदेश में अनुमति दी है क्योंकि कोविड-19 के कारण इससे पहले प्रदेश भर में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवी-देवताओं के आशीर्वाद से जल्द हिमाचल प्रदेश कोरोना मुक्त होकर प्रगति राह पर आगे बढ़ेगा।
कार्तिक शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भगवान परशुराम अपनी मां रेणुका से मिलने आए। इस ऐतिहासिक मिलन को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु उत्सुक दिखे। आस्था के सैलाब के बीच भगवान परशुराम मां रेणुका को दिया वचन निभाने रेणुका पहुंचे। इस ऐतिहासिक मिलन की पावन बेला के साथ ही पूरे सात दिनों तक चलने वाला अंतरराष्ट्रीय रेणुका मेला शनिवार से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा तक जारी रहेगा।
दशमी के दिन भगवान परशुराम अपनी माता और रेणुका से मिलने रेणुका जी पहुँचते है। एक साल बाद मां रेणुका और पुत्र परशुराम के अलौकिक और पारंपरिक मिलन के साथ ही शनिवार को अंतरराष्ट्रीय रेणुका मेले का भव्य आगाज हुआ। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शोभायात्रा की अगवानी करते हुए मेले का शुभारंभ करने के साथ देव पालकियों को कांधा दिया।
इसी परंपरा के साथ सात दिन चलने वाले अंतरराष्ट्रीय रेणुका मेले का आगाज हो गया। मेले में जामु कोटी, कटाह-शीतला, मंडलांह और माशू से चार देवता शिरकत कर रहे हैं। देव पालकियों को ददाहू स्थित खेल मैदान में लाया गया।
यहां से पारंपरिक वाद्य यंत्रों और ढोल नगाड़ों की थाप के बीच रेणुकाजी तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। कोरोना से बचाव के लिए इस बार रेणुका झील में स्नान से पहले श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है।
शाही परिवार ने निभाई परंपरा
अंतरराष्ट्रीय मेला श्री रेणुका जी के शुभारंभ से पहले परंपरा के मुताबिक गिरी नदी के तट पर शाही परिवार के सदस्यों ने देव अभिनंदन की परंपरा को निभाया। जामू कोटी से मां रेणुका से मिलने पहुंचे भगवान परशुराम की पालकी का अभिनंदन सर्वप्रथम शाही परिवार के सदस्यों ने किया।
इस मौके पर शाही परिवार के सदस्य एवं पूर्व विधायक कंवर अजय बहादुर सिंह ने परिवार सहित गिरि नदी के तट पर भगवान परशुराम की पालकी का जोरदार अभिनंदन किया और पालकी को कंधा देकर परंपरा निभाई।
साथ ही पूजा अर्चना भी की। इस दौरान ढोल नगाड़े के साथ रेणुका घाटी भगवान परशुराम के जयकारों से गूंज उठी। तत्पश्चात पालकी ददाहू सीनियर सेकेंडरी स्कूल के खेल मैदान में पहुंची।
शाही परिवार के सदस्यों द्वारा गिरि नदी के तट पर बरसों से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है। इस मौके पर अजय बहादुर सिंह ने कहा कि बरसों पुरानी चली आ रही परंपरा को आज भी शाही परिवार द्वारा निभाया गया। उन्होंने लोगों को रेणुका मेले की बधाई भी दी।