हिमाचल में तैयार होगा आईटी सॉफ्टवेयर यूपी की व्यूनाओ कंपनी करेगी छह सौ करोड़ का निवेश
हिमाचल प्रदेश में अब आईटी से संबंधित सॉफ्टवेयर तैयार होंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश की कंपनी ठियोग के जैस में सात हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में 600 करोड़ रुपये निवेश कर डाटा सेंटर स्थापित करेगी
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 13-11-2021
हिमाचल प्रदेश में अब आईटी से संबंधित सॉफ्टवेयर तैयार होंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश की कंपनी ठियोग के जैस में सात हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में 600 करोड़ रुपये निवेश कर डाटा सेंटर स्थापित करेगी। शुक्रवार को कंपनी निदेशक और अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग आरडी धीमान के बीच इसे लेकर बैठक हुई है।
कंपनी ने इस डाटा सेंटर में सूबे के 700 लोगों को रोजगार देने की बात कही है। नई दिल्ली में 5 दिसंबर को होने वाले इन्वेस्टर मीट में इस कंपनी के साथ एमओयू साइन होगा।
प्रदेश में यह पहला डाटा सेंटर स्थापित हो रहा है। व्यूनाओ ग्रुप के प्रबंधन ने अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह खरौर के नेतृत्व में शुक्रवार को शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी भेंट की और राज्य में आईटी और कौशल विकास क्षेत्र में कंपनी की निवेश योजना पर चर्चा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यावरण अनुकूल उद्योगों को बढ़ावा दे रही है। हिमाचल प्रदेश एक सरप्लस ऊर्जा राज्य है और राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए निवेशकों को कई प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं।
उन्होंने प्रबंधन को राज्य के विभिन्न भागों में अत्याधुनिक कौशल विकास केंद्र स्थापित करने के लिए कहा। यह कंपनी डाटा मैनेजमेंट और कंप्यूटर संबंधी जरूरतें भी पूरा करेगी। इस सेंटर को स्थापित करने के लिए कंपनी ने ठंडे क्षेत्र में जमीन मांगी थी।
इसके चलते उन्हें शिमला जिले में ठियोग के जैस में जमीन दिखाई गई है। इसके अलावा प्रदेश सरकार नई दिल्ली में होने वाले इन्वेस्टर मीट में मेडिकल डिवाइस, पर्यटन, एजूकेशन और फार्मा जैसी बड़ी कंपनियों के निवेशकों के साथ एमओयू साइन होगा।
एथेनॉल और फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिए भी एमओयू साइन किया जाना है। उद्योग विभाग के पास 3500 एकड़ जमीन है, जिनमें उद्योगों को जमीनी स्तर पर उतारा जाना है। यह जमीन कांगड़ा के कंदरोड़ी, ठियोग, ऊना, सिरमौर, सोलन के नालागढ़ और हमीरपुर में है।
उद्योग विभाग एथेनॉल प्लांट स्थापित करने पर भी जोर दे रही है। एथेनॉल मक्की और गन्ना से तैयार किया जाता है। इसे पेट्रोल-डीजल में मिलाया जाता है। यह पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाता है।