देश में कपास से बनने वाला धागा अब खरपतवार के रेशेदार पौधों से भी बनेगा

देश में कपास से बनने वाला धागा अब खरपतवार के रेशेदार पौधों से भी बनेगा

यंगवार्ता न्यूज़ - कांगड़ा   16-01-2021

देश में कपास से बनने वाला धागा अब खरपतवार के रेशेदार पौधों से भी बनेगा। यह तकनीक हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएसआईआर) और हिमालयी बायोसाइट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) पालमपुर ने तैयार की है। 

हिमालय क्षेत्र के ऊंचे व मध्य व ऊंचाई वाले इलाकों में पाए जाने वाले रेशेदार पौधों से धागा बनाने की तकनीक लंबे शोध के बाद संस्थान ने तैयार की है। बिना किसी काम के आने वाले पौधों (खरपतवार) से निकलने वाले फाइवर से धागा तैयार किया गया है। 

इससे आने वाले दिनों में लघु उद्योग और किसानों को रोजगार मिलेगा। इस धागे का इस्तेमाल कपड़ा बनाने में होगा। सीएसआईर के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने इसकी पुष्टि की है। खास बात यह है कि इन पौधों से निकलने वाले फाइवर से पर्यावरण को कोई खतरा नहीं है। 

पौधों से लिए जाने वाला यह फाइवर करीब आठ से दस घंटे में निकाल लिया जाता है, जबकि पारंपरिक तरीकों से रेशेदार पौधों से फाइवर निकालने के लिए तीन से चार हफ्ते लगते हैं।

पर्यावरण के अनुकूल फाइबर की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बहुत अच्छी मांग है और रोजगार सृजन के लिए बड़े अवसर प्रदान कर सकते हैं। 

सीएसआईआर के वैज्ञानिकों की मानें तो प्रदेश के हिमालय क्षेत्र में कई रेशेदार पौधे मध्य और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम में सीएसआईआर का यह शोध लाभदायक साबित होगा, जिसके लिए प्रोसेस पेटेंट भी फाइल किया गया है।