देशभर से आए मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीडि़त लोगों ने हैरिटेज पार्क का किया भ्रमण
सोलन का मानव मंदिर सही मायने में मानवता के लिए कार्य कर रहा है। यह मंदिर देशभर के मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीडि़त लोगों के लिए जीवन की नई आशाएं जागृत कर रहा है। इसी दौरान यहां 7 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में आए देशभर के मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीडि़त लोगों को सोलन के प्रसिद्ध मोहन शख्ति हैरिटेज पार्क का भ्रमण करवाया
यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन 07-03-2023
सोलन का मानव मंदिर सही मायने में मानवता के लिए कार्य कर रहा है। यह मंदिर देशभर के मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीडि़त लोगों के लिए जीवन की नई आशाएं जागृत कर रहा है। इसी दौरान यहां 7 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में आए देशभर के मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीडि़त लोगों को सोलन के प्रसिद्ध मोहन शख्ति हैरिटेज पार्क का भ्रमण करवाया गया।
इस दौरान मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीडि़त से लोगों 13 लोगों के अलावा 20 अभिभावक भी मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने यहां हैरिटेज पार्क को देखा और इसके बारे में जानकारी प्राप्त की। साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य का भी नजारा देखा।
आईएएमडी सोलन के महासचिव विपुल गोयल ने बताया कि मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का अभी तक कोई उपचार नहीं है। इस बीमारी से ग्रस्त लोगों के लिए हाईड्रोथैरेपी, फीजियोथैरेपी, काउंसलिंग, योग -प्राणायाम, प्रोपर डाइट चार्ट और आउटिंग के माध्यम से ऐसे लोगों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
इससे वह समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें। इसी कड़ी में यहां प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें आए गुजरात, राजस्थान, यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल और मध्यप्रदेश के मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीडि़त लोगों को हैरिटेज पार्क का भ्रमण करवाया गया। सभी ने इस पिकनिक का आनंद उठाया।
पीएम मन की बात में भी कर चुके हैं आईएएमडी का जिक्र आईएएमडी सोलन देश की एकमात्र ऐसी संस्था है, जो मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीडि़त से लोगों की सेवा में कार्य कर रही है। आईएएमडी संस्था की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात कार्यक्रम में भी इस संस्था का जिक्र कर चुके हैं।
सोलन में विधानसभा चुनाव की रैली के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीडि़त बच्चों से मिले थे, जो उस समय अखबारों की सुर्खियां बनी थी। आईएएमडी की प्रधान संजना गोयल, संरक्षक उमा बाल्दी समेत 22 लोगों की टीम है, जो देशभर से आने वाले मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीडि़त लोगों के लिए दिन-रात कार्य करती है।