नाथपा झाकड़ी प्रोजेक्ट और रामपुर 412 मेगावाट प्रोजेक्ट बायल में विद्युत उत्पादन ठप
एसजेवीएनएल के 1500 मेगावाट के नाथपा झाकड़ी प्रोजेक्ट और रामपुर 412 मेगावाट प्रोजेक्ट बायल में विद्युत उत्पादन ठप हो गया। सतलुज नदी में सिल्ट की मात्रा में भारी बढ़ोतरी होने से प्रबंधन ने एहतियात के तौर पर सभी विद्युत इकाइयां बंद
यंगवार्ता न्यूज़ - रामपुर बुशहर 10-07-2023
एसजेवीएनएल के 1500 मेगावाट के नाथपा झाकड़ी प्रोजेक्ट और रामपुर 412 मेगावाट प्रोजेक्ट बायल में विद्युत उत्पादन ठप हो गया। सतलुज नदी में सिल्ट की मात्रा में भारी बढ़ोतरी होने से प्रबंधन ने एहतियात के तौर पर सभी विद्युत इकाइयां बंद की हैं।
प्रोजेक्ट में रविवार सुबह 9 बजे से उत्पादन बंद है। उत्पादन बंद होने से प्रोजेक्ट से उत्तरी ग्रिड को बिजली मिलना बंद हो गई है। उत्पादन अधिक दिनों तक बंद रहने से उत्तरी ग्रिड से जुड़े राज्यों में विद्युत संकट गहरा सकता है। एसजेवीएन प्रबंधन ने लोगों से सतलुज के किनारे न जाने की अपील की है।
सतलुज में सिल्ट की मात्रा इस समय 12 हजार से 13 हजार पीपीएम तक पहुंच गई है। इस कारण प्रबंधन ने सुबह 9 बजे सभी विद्युत इकाइयां एक-एक कर बंद कर दीं, ताकि मशीनों को नुकसान न पहुंचे। सतलुज नदी में चार हजार पीपीएम से नीचे सिल्ट होने पर ही प्रोजेक्ट में उत्पादन संभव है।
फिलहाल, प्रबंधन नदी में सिल्ट घटने का इंतजार कर रहा है। सिल्ट कब तक घटेगी, यह बताना मुश्किल है। उत्पादन ठप होने के साथ ही प्रोजेक्ट से उत्तरी ग्रिड को बिजली की सप्लाई भी बंद हो गई।साढ़े चार बजे से ही ग्रिड को बिजली की आपूर्ति नहीं हुई है। इससे हिमाचल समेत उत्तर भारत के आठ राज्यों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई है।
अगर प्रोजेक्ट में अधिक समय पर विद्युत उत्पादन बंद रहता है तो इन राज्यों में विद्युत संकट गहरा जाएगा। झाकड़ी प्रोजेक्ट से उत्तरी ग्रिड को सर्वाधिक बिजली सप्लाई होती है। यानी पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी समेत कई राज्यों की विद्युत आपूर्ति इसी प्रोजेक्ट के भरोसे है।
सतलुज नदी में सिल्ट की मात्रा अधिक होने पर रविवार सुबह से बिजली उत्पादन बंद किया गया है। सतलुज नदी में जल स्तर बढ़ रहा है, ऐसे में लोग सतलुज के किनारे न जाएं। -रविचंद्र नेगी, नाथपा झाकडी विद्युत परियोजना के परियोजना प्रमुख
एसडीएम कल्पा एवं जिला पर्यटन अधिकारी शशांक गुप्ता ने किन्नर कैलाश की यात्रा पर जाने और अन्य ट्रैकिंग स्थलों में भी अगले आदेशों तक ट्रैकिंग करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। उन्होंने पर्यटकों और ट्रैकरों को नदी-नालों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ट्रैकिंग करने से बचने की सलाह दी है।