निरोग काया में ही होता है ईश्वर का वास : डाॅ अनु शर्मा

निरोग काया में ही ईश्वर का वास होता है। स्वस्थ रहने के लिए मनुष्य को तीन नियम आहार, निद्रा और ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य रूप से करना चाहिए

निरोग काया में ही होता है ईश्वर का वास : डाॅ अनु शर्मा

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला      07-04-2023

निरोग काया में ही ईश्वर का वास होता है। स्वस्थ रहने के लिए मनुष्य को तीन नियम आहार, निद्रा और ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य रूप से करना चाहिए। आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी पीरन डाॅ अनु शर्मा ने शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस पर अपनी शुभकामनाएं देते हुएं बताया कि इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस पर डब्लयुएचओ द्वारा हैल्थ फाॅर आॅल विषय दिया गया है जिसका उददेश्य संसार का  हर व्यक्ति का स्वस्थ्य रहना चाहिए तभी स्वस्थ समाज की कल्पना की जा सकती है।

डाॅ0 अनु शर्मा ने बताया कि मनुष्य द्वारा अपने जीवन को जरूरत से अधिक आरामदायक बना दिया गया है जिससे मनुष्य का शरीर  रोग का घर बन रहा है और दवाईयों पर निर्भरता अधिक हो गई है। उन्होने बताया कि हर व्यक्ति को ब्रह्म मुर्हूत में उठकर योग अथवा व्यायाम करना चाहिए जिससे शरीर के स्वस्थ होने के साथ साथ लंबी आयु, शक्ति और प्रसन्नता मिलती थ। 

स्वस्थ मनुष्य की परिभाषा बताते हुए बताया कि  जिस मनुष्य के शरीर में  दोष, वात्त पित और कफ, जठराग्नि, रसादि सात धातुएं सम अवस्था में स्थिर रहती है। मलमूत्र आदि क्रियाएं ठीक रहती है और जिसके इन्द्रिय और आत्मा प्रसन्न रहती है वह मनुष्य मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक तौर पर स्वस्थ होता है।
उन्होंने बताया कि मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए उत्तम आहार-विहार का पालन करना चाहिए। 

उचित निद्रा लेने के साथ साथ ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिए। मनुष्य को अंग्रेजी दवाओं का सेवन कम करना चाहिए क्योंकि इन दवाओं के दुष्प्रभाव अधिक है। प्रकृति में अनेक दुर्लभ जड़ी बूटियां विद्यमान है जिसमें लाईलाज रोगों का उपचार संभव है। 

ऋषि मुनियों द्वारा आदिकाल में आयुर्वेद पद्धति बारे खोज की गई है। जिसके माध्यम से असाध्य रोगों का उपचार निकाला है। उन्होने लोगों को सलाह दी है कि बच्चों को फास्ट फूड न दें जोकि बच्चों के शरीर के हानिकारक है। उन्होने मोटे अनाज का सेवन करने का आग्रह किया।