पीएचसी डिंबर में डॉक्टर न होने से लोगों को नहीं मिल रही उपचार की सुविधाएं
यंगवार्ता न्यूज़ - राजगढ़ 24-07-2021
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डिंबर में बीते कुछ महीने से डॉक्टर के न होने से क्षेत्र की करीब आठ पंचायतों के लोगों को इलाज करवाने के लिए राजगढ़ अथवा सोलन जाना पड़ रहा है।
ग्राम पंचायत डिंबर की प्रधान नीलम ने बताया कि सरकार ने इस पीएचसी में डॉक्टर की नियुक्ति की गई है परंतु बीते आठ-नौ महीने से पीएचसी में डॉक्टर को नहीं देखा गया है जिस कारण इस क्षेत्र के लोगों को इलाज करवाने में काफी परेशानी पेश आ रही है।
मिल्क फैड के पूर्व डॉयरेक्टर सुंदर सिंह ठाकुर का कहना है कि पीएचसी डिंबर प्रदेश के पुराने स्वास्थ्य संस्थानों मेें से एक है। सबसे अहम बात यह है स्थास्थ्य विभाग के निदेशक रहे डॉ0 गुप्ता ने अपनी प्रथम सेवा इस पीएचसी से आरंभ की थी।
इसके उपरांत डॉ0 यशवंत चौहान और डॉ0 अर्जुन ने कई वर्षों तक इस पीएचसी मंे अपनी सेवाएं दी थी। डॉ यशवंत चौहान संगड़ाह से बतौर बीएमओ रिटायर हुए हैं। इन्होने बताया कि पीएचसी में डॉक्टर न होने से कोरोना काल के दौरान लोगों को उपचार करवाने की बहुत दिक्कत पेश आई थी।
सुंदर सिंह का कहना है उनके द्वारा एसडीएम राजगढ़ से भी इस बारे शिकायत की गई थी। जिस पर एसडीएम ने बताया कि इस डॉक्टर की कोरोना काल के दौरान केवल दो-तीन दिन के लिए पीएचसी धामला में डियूटी लगाई गई थी।
इसके अलावा किसी अन्य स्थान पर कोई डियूटी नहीं लगाई गई थी । इनका कहना है कि समाज सेवा में चिकित्सक का सबसे अहम रोल होता है और जिस प्रकार इस पीएचसी के डॉक्टर पिछले आठ-नौ महीने से डियूटी पर नहीं आ रहे है यह बहुत गंभीर मामला है।
नाणू -बगोड़िया के राजपाल ने बताया कि उनके द्वारा सीएम हेल्पलाईन 1100 पर भी शिकायत की थी परंतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। मगर सरकार द्वारा चिकित्सकों को बहुत अच्छा वेतन दिया जा रहा है।
ताकि डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्रों ंमें लोगों को बेहतरीन और गुणात्मक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करे। खंड चिकित्सा अधिकारी सरांह डॉ संदीप शर्मा ने बताया कि उनके पास भी पीएचसी में डियूटी न देने पर डॉक्टर की शिकायत आई है। जिस पर कड़ी कार्यवाही की जा रही है।