पॉजिटिव मामला आते ही चैलचौक अस्पताल के स्टाफ ने छोड़ दी नौकरी, गोहर अस्पताल से बुलाए डॉक्टर
यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 10-05-2020
चैलचौक स्थित निजी अस्पताल के कोविड सेंटर में भर्ती कोरोना पॉजिटिव महिला को लेकर क्षेत्र में दहशत का माहौल है। जानकारी के अनुसार अस्पताल के कुछ कर्मचारी नौकरी को अलविदा कह गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने सिविल अस्पताल गोहर से एक डॉक्टर, स्टाफ नर्स सहित एक चपरासी को यहां तैनात कर दिया है। उधर, कोविड-19 के कोरोना पॉजिटिव मरीज से सहमे इस निजी संस्थान के आयुर्वेदिक अस्पताल के कई कर्मचारी एवं अधिकारी नौकरी छोड़ गए हैं।
उनके बदले अब सिविल अस्पताल गोहर से डॉ. रजत शर्मा, पंकज कुमारी स्टाफ नर्स तथा एक लाल सिंह दैनिक भोगी चपरासी तैनात किए गए है। चौंकाने वाली बात यह है कि गोहर अस्पताल का यह दैनिक भोगी चपरासी पिछले 24 घंटे से लगातार सेवाएं दे रहा है।
नियमानुसार किसी भी कर्मचारी या अधिकारी की सेवाएं लगातार आठ घंटे से अधिक नहीं ली जा सकती हैं। बताया जाता है कि निजी संस्थान से भी इस स्थिति में कोई क्लास फोर कर्मचारी ड्यूटी देने को तैयार नहीं है।
सिविल अस्पताल गोहर से निजी अस्पताल बुलाए स्वास्थ्य कर्मचारियों की पुष्टि स्थानीय कोविड नोडल ऑफिसर डॉ. ललित गौतम ने की है। सरकाघाट के कोरोना पॉजिटिव युवक की मौत के बाद कोरोना संक्रमित उसकी मां को चैलचौक स्थित अभिलाषी कोविड सेंटर में रखने पर चच्योट पंचायत के लोगों ने विरोध जताया है।
रविवार को पंचायत के चौगान मैदान में महिला मंडल नांवगरांव की महिलाओं ने सोशल डिस्टेंसिंग अपनाकर विरोध जताया। पंचायत के पूर्व प्रधान महेंद्र सिंह वर्मा ने कहा कि जब नेरचौक कोविड सेंटर में जगह है तो निजी अस्पताल कोविड सेंटर में पॉजिटिव मरीज को रखने का क्या मतलब है।
स्थानीय महिलाओं ने कहा कि अगर सरकार चैलचौक में और पॉजिटिव मरीज भेजती है तो इसका विरोध किया जाएगा। महिला मंडल नांवगरांव की प्रधान कला वैद्य ने कहा कि सरकार आईजीएमसी, नेरचौक मेडिकल कॉलेज और टांडा मेडिकल कॉलेज को छोड़ निजी अस्पताल में पॉजिटिव मरीजों को क्यों भेज रही है।
एसएचओ सूरम सिंह ने बताया कि मौके पर जाकर पुलिस ने लोगों को समझा लिया है। एसडीएम अनिल भारद्वाज ने कहा कि सरकार ने कोविड सेंटर बनाए हैं। उन्होंने कहा कि कड़ी निगरानी में लाए गए मरीज हैं।
इसका लोगों से कोई लेना-देना नही है। उन्होंने लोगों से अपील की है की संकट की इस घड़ी में सरकार और प्रशासन का सहयोग दें। अगर पॉजिटिव महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ती है तो उसे नेरचौक मेडिकल कॉलेज भेजा जाएगा।