पढ़ाई में कमजोर छात्रों की मार्च माह में लगाई जाएंगी रिमेडियल कक्षाएं  

पढ़ाई में कमजोर छात्रों की मार्च माह में लगाई जाएंगी रिमेडियल कक्षाएं  

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   22-01-2021

पढ़ाई में कमजोर छात्रों की मार्च माह में रिमेडियल कक्षाएं लगाई जाएंगी। जिन छात्रों का प्री-बोर्ड एग्जाम में सही रिस्पांस नहीं होगा,

उन छात्रों के लिए ये कक्षाएं स्कूल प्रबंधन को लगानी होंगी। इस बाबत शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रधानाचार्यों को अभी से ही तैयारी रखने को कहा है। 

बता दें कि एचपी बोर्ड की तरफ से ही दसवीं व जमा दो के छात्रों के लिए प्री-बोर्ड आयोजित करवाई जाएंगी। यानी कि बोर्ड ही प्री-बोर्ड के लिए प्रश्नपत्रों की छपाई करेगा, ताकि छात्रों को फाइनल एग्जाम को कवर करने का आइडिया हो जाए। 

इस बार प्री-बोर्ड के माध्यम से शिक्षा विभाग छात्रों के लिखने की क्षमता के साथ ही पूरे साल भर ऑनलाइन पढ़ाई से कितना छात्र पढ़ व समझ पाए हैं, इसका भी आकलन करेगा।

अगर छात्रों की लिखने की स्पीड कम आंकी गई, तो ऐसे में एक्स्ट्रा कक्षाओं में छात्रों को पूरा पेपर तीन घंटे में कैसे कवर करना है, इस पर प्रैक्टिस करवाई जाएगी। 

वहीं प्री-बोर्ड में कम अंक लेने वाले छात्रों की एक्स्ट्रा कक्षाएं भी स्कूलों में लगवाई जाएंगी। बता दें कि पहली और 15 फरवरी से स्कूल खुलने के बाद भी अगर दसवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी स्कूल नहीं आते हैं, तो इनके ऑनलाइन यूनिट टेस्ट होंगे।

उच्च शिक्षा निदेशालय ने छह जनवरी को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ हुए विद्यार्थियों के संवाद में मिले सुझावों को लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं।  

फैसला लिया गया है कि मार्च में प्रस्तावित प्री-बोर्ड परीक्षाओं से पहले दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों के ऑनलाइन और ऑफलाइन यूनिट टेस्ट लिए जाएंगे। प्री-बोर्ड परीक्षा में कम लेने वाले विद्यार्थियों की अप्रैल में एक्स्ट्रा क्लासेज लगाई जाएंगी। 

उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से स्कूल प्रिंसीपल्स को जारी पत्र में कहा गया है कि हर सप्ताह ऑनलाइन यूनिट टेस्ट लेने की व्यवस्था की जाए।

जो विद्यार्थी स्कूल नहीं आएंगे, उनके यूनिट टेस्ट व्हाट्सऐप के माध्यम से लिए जाएं। जो विद्यार्थी स्कूल आएंगे, उनके टेस्ट कक्षा में लिए जाएं।

इसके अलावा स्कूल खुलने पर अप्रैल, 2020 में पढ़ाए गए सिलेबस की रिवीजन शुरू करने को भी कहा है। विद्यार्थियों की पढ़ाई से संबंधित शंकाओं को दूर करने के लिए विशेष सत्र के निर्देश भी दिए हैं। जिला उपनिदेशकों को इन सभी फैसलों का पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।